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खेलने जाने से रोका और कमरे में किया बंद, दादी की फटकार से आहत कक्षा पांच के छात्र ने दी जान

 

कानपुर के हनुमंत विहार इलाके के आरा नई बस्ती में मंगलवार रात पांचवीं कक्षा के छात्र गौरव राजपूत उर्फ साहिल को उसकी दादी ने डांटकर कमरे में बंद कर दिया, जब वह बाहर खेलने जाने की जिद कर रहा था। इससे क्षुब्ध होकर छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दादी से पूछताछ के बाद यह बात सामने आई। बुधवार को बच्चे के पोस्टमार्टम में मौत का कारण फांसी लगाना बताया गया। हनुमंत बिहार थाना क्षेत्र के आरा नई बस्ती में रहने वाले पार्सल डिलीवरी करने वाले वीरेंद्र राजपूत के इकलौते बेटे गौरव का शव मंगलवार को संदिग्ध परिस्थितियों में कमरे के अंदर पंखे से दुपट्टे के सहारे लटका मिला।

शाम को जब मां संगीता ड्यूटी से घर लौटीं तो कमरे का इंटरलॉक बंद था। चाबी लटकी हुई थी। जब वह कमरे में पहुंचीं और ताला खोला तो बेटे का शव पंखे से लटका मिला।

हनुमंत विहार थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि छात्र की दादी ने बताया कि शाम के बाद भी वह मोहल्ले के बच्चों के साथ खेलने की जिद कर रहा था। उसे डाँट-फटकार कर कमरे में बंद कर दिया गया था। उसे नहीं पता था कि वह ऐसा कदम उठा लेगा। घटना के बाद पिता, माँ और दादी का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि वे दोनों अपने इकलौते बेटे साहिल का भविष्य संवारने के लिए प्राइवेट नौकरी करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें लगा था कि उनका बेटा उनके भविष्य का आधार बनेगा, लेकिन इस घटना ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।

पाँचवीं कक्षा के छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

बता दें कि कानपुर के हनुमंत विहार थाना क्षेत्र के आरा नया बस्ती में मंगलवार को पाँचवीं कक्षा के एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। दादी ने बताया कि चाबी खो जाने के बाद बच्चा दरवाजा तोड़कर कमरे में घुस गया। माँ जब काम से लौटी तो चाबी दरवाजे पर लटकी हुई थी और बेटे का शव कमरे में फंदे से लटका मिला।

अराना निवासी वीरेंद्र राजपूत पार्सल एजेंट का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि गौरव राजपूत उर्फ साहिल (12) उनका इकलौता बेटा था। वह एक इंटर कॉलेज में पाँचवीं कक्षा का छात्र था। उसकी पत्नी संगीता प्राइवेट नौकरी करती है। इसके अलावा घर में उसकी माँ रामवती और भाई और उनका परिवार रहता है।

दादी रामवती ने पुलिस को बताया कि मंगलवार सुबह रोज़ाना की तरह बेटा और बहू काम पर गए थे। गौरव भी स्कूल गया था। गौरव दोपहर 2 बजे स्कूल से घर लौटा और कमरे की चाबी लेकर मोहल्ले के बच्चों के साथ खेलने चला गया। इस पर दादी ने साहिल को डाँटकर कमरे में बंद कर दिया। इससे क्षुब्ध होकर छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।