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Basti जान जोखिम में डाल नदी पार कर पढ़ने जाते हैं बच्चे

 
उत्तर प्रदेश न्यूज़ डेस्क  !!!कुआनो नदी के लालगंज, कछुआड़ और गोनार घाटों पर पुल न होने के कारण 12 से अधिक गांवों के ग्रामीणों को नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। ग्रामीणों द्वारा बनाया गया बांस का पुल जलस्तर बढ़ने से बह गया है। ऐसे में सर्वाधिक दिक्कत स्कूली बच्चों को हो रही है।गांवों तक पहुंचने के लिए एक मात्र साधन नाव ही है। क्षेत्र के खखरा अमानाबाद (गोसाईं पुरवा), जगन्नाथपुर, मसुरिहा, मेहनौना, अमरौना, कडसरी मिश्र, चंदरपुर, मधवापुर, कछुआड और गोनार समेत आदि गांवों के स्कूली बच्चों को हाईस्कूल, इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त करने के लिए कुआनो नदी पार करके लालगंज बाजार तक जाना पड़ता है।

स समय जलस्तर बढ़ने के कारण नाव पर सफर जोखिम भरा है। नदी पार करते समय वर्ष 2004 में 19 नवंबर को घर से स्कूल जाते समय स्कूली बच्चों से भरी नाव कुआनो नदी के कछुआड़ घाट पर डूब गई थी जिसके चलते गोनर गांव के तीन बच्चों को जान गंवानी पड़ी थी। क्षेत्रीय विधायक ने कुआनो नदी के इस घाट पर पक्का पुल बनवाने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन दो दशक का समय बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस है।गोनार गांव के ग्राम प्रधान अजीत पाल उर्फ डब्लू पाल, ग्राम प्रधान सोहिला सर्वेश चौधरी, फागूलाल बर्तनिया गांव के रामशब्द निषाद, ग्राम प्रधान बारीघाट अरुण उर्फ बब्लू चौधरी, लालजी यादव, मोहन, रामबचन गौतम, मसुरिहा गांव के राजकरन सिंह, शैलेंद्र सिंह, लोचई गोस्वामी, जयराम प्रसाद, सुखई निषाद ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कुआनों नदी के कछुआड घाट पर पक्का पुल बनवाने की मांग की है।