मलपुरा के रोहता नहर पर सड़क हादसा, बच्चे की मौत, पुलिसकर्मियों पर लापरवाही का आरोप
आगरा के मलपुरा थाना क्षेत्र में स्थित रोहता नहर के पास शुक्रवार को हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक मासूम बालक की मौत हो गई। इस घटना को लेकर परिजनों ने बाइक सवार दो पुलिसकर्मियों पर लापरवाही से वाहन चलाने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार की शिकायत पर पुलिस ने संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
घटना उस वक्त हुई जब मृतक बालक सड़क किनारे खेल रहा था। तभी तेज रफ्तार से आ रही एक बाइक, जिस पर दो पुलिसकर्मी सवार थे, बच्चे को टक्कर मारती चली गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बच्चा दूर जा गिरा और गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजन तुरंत उसे पास के अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इस हादसे के बाद गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने घटनास्थल पर हंगामा शुरू कर दिया और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। कुछ देर के लिए सड़क पर आवागमन भी बाधित रहा। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाकर शांत किया और घटना की जांच शुरू कर दी।
मृतक की पहचान सात वर्षीय बालक के रूप में हुई है। वह पास के ही गांव का रहने वाला था और रोज की तरह शाम को बाहर खेल रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाइक काफी तेज गति में थी और सवारों ने हेलमेट भी नहीं पहना था। हादसे के बाद दोनों पुलिसकर्मी कुछ समय रुकने के बाद मौके से चले गए, जिससे लोगों में और आक्रोश फैल गया।
मलपुरा थाना प्रभारी ने बताया कि “परिजनों की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। घटना की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि उच्चाधिकारियों को घटना से अवगत करा दिया गया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
इस घटना ने पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी और अनुशासन को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर पुलिस आम जनता की सुरक्षा की जिम्मेदार होती है, वहीं इस तरह की घटनाएं विभाग की छवि को धूमिल करती हैं।
फिलहाल, मृतक बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है और गांव में शोक की लहर है। पीड़ित परिवार ने प्रशासन से न्याय की मांग की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा जताई है।
यह हादसा न केवल एक मासूम की जान लेने वाला बन गया, बल्कि यह भी दिखाता है कि नियमों और जिम्मेदारियों के पालन में थोड़ी सी चूक कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है।