नेपाल सीमा से सटे गांवों में धर्मांतरण का जाल बुन रहा था छांगुर, 46 गांवों के युवाओं को बना रहा था निशाना
धर्मांतरण और देशविरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किए गए छांगुर को लेकर पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। छांगुर ने भारत-नेपाल सीमा से सटे गांवों में धर्मांतरण का अड्डा स्थापित करने की व्यापक साजिश रची थी। वह इसके जरिए न सिर्फ भारत में गतिविधियों को मजबूत कर रहा था, बल्कि नेपाल में भी पैठ जमाने के प्रयास में था।
जांच में सामने आया है कि छांगुर ने इसके लिए एक पूरी टीम तैयार की थी, जो गांव-गांव जाकर युवाओं की सोच और धार्मिक झुकाव को समझने का काम कर रही थी। उसका मकसद सीमावर्ती क्षेत्रों में कट्टरपंथी विचारधारा फैलाना और धर्मांतरण को बढ़ावा देना था।
46 गांवों के युवाओं पर थी नजर
छांगुर ने नेपाल सीमा से सटे करीब 46 गांवों को चिन्हित किया था, जहां के युवाओं को वह अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रहा था। वह धार्मिक जलसों में तकरीरों के बहाने पहुंचता और वहां जिहादी सोच से प्रेरित परचे बांटता था। इन परचों के माध्यम से वह यह जांच करता था कि युवाओं की प्रतिक्रिया कैसी है, और वे किस हद तक इस विचारधारा से प्रभावित हो सकते हैं।
नेपाल में नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश
छांगुर की योजना भारत के सीमावर्ती इलाकों को आधार बनाकर नेपाल में नेटवर्क खड़ा करने की थी। इसके लिए वह उन गांवों में लगातार सक्रिय था, जो सीमा पार आवाजाही के लिहाज से आसान और संवेदनशील माने जाते हैं। माना जा रहा है कि वह नेपाल के कुछ धार्मिक समूहों से डिजिटल माध्यमों से संपर्क में भी था, जिसकी जांच एजेंसियां कर रही हैं।
टीम के माध्यम से फैलाता था नेटवर्क
छांगुर अकेला काम नहीं कर रहा था। उसने स्थानीय स्तर पर एक टीम तैयार की, जिसमें कुछ धार्मिक प्रचारक, कथित चंगाई सभा आयोजक और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे। ये लोग गांवों में धार्मिक सभाएं, सामाजिक आयोजन और मेडिकल कैंप के बहाने पहुंचते और फिर युवाओं से संपर्क बनाते थे।
जलसों के दौरान बांटे जाने वाले परचे, ऑडियो क्लिप और किताबें अब पुलिस की जांच का हिस्सा बन गई हैं।
एजेंसियों ने कसा शिकंजा, बड़े नेटवर्क की जांच जारी
छांगुर की गिरफ्तारी के बाद राज्य और केंद्र की खुफिया एजेंसियां हरकत में आ गई हैं। उसकी डिजिटल गतिविधियां, मोबाइल डाटा, सोशल मीडिया कनेक्शन और बैंक ट्रांजैक्शन की गहन जांच की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि यह कोई अकेला ऑपरेशन नहीं, बल्कि एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है, जिसका मकसद सीमावर्ती क्षेत्र को अस्थिर करना और धार्मिक उन्माद फैलाना है।