धर्मांतरण के लिए दुबई से ट्रेनर बुलवाता था छांगुर बाबा, कोठी के 'तहखाने' में चलता था काला कारोबार, जानिए कैसे हुआ गुप्त साम्राज्य का खुलास
उत्तर प्रदेश के जमात-उद-दावा से मुक्त धर्म परिवर्तन के जाल की जड़ दुबई, सऊदी और तुर्किये तक फोटो थे। इस नेटवर्क का किंगपिन जलालुद्दीन नारायण छांगुर बाबा था। उनकी सबसे प्रिय राजदार नीनी नसेरिन थी। लेकिन जो महिला उसके साम्राज्य का नंबर-2 थी, आज उसके पतन की सबसे बड़ी वजह बन गई. यूपी ए परीक्षा की पूछताछ में नसेरीन ने जो पहचान की है, उसमें जर्नल की सुरक्षा लाइब्रेरी को चौंका दिया है।
एक घोटाले में शामिल था कि छांगुर बाबा, बेटे साहब की गिरफ़्तारी के बाद देश से मुक्ति की फिराक में था। लेकिन बाबा की यही घोषणा उनके सबसे करीबी सहयोगी नी नी सेरिन ने फेल कर दी। यही कारण था कि नसरीन भी बाबा के साथ विदेश भागना चाहती थी, लेकिन शक था कि बाबा उसे अकेला छोड़ देंगे। इसी प्रकार वह 81 दिन तक बाबा के साथ लखनऊ के एक होटल में अंडरग्राउंड रही।
आख़िरकार एटीएस ने दोनों को गिरफ़्तार कर लिया। तमिलनाडु मूल रूप से रहने वाली है। मुंबई निवासी अपने पति नवीन रोहरा के साथ वह पहले बाबा की मूर्ति बनी। इलाज और संत की लालसा में दोनों ने धर्म परिवर्तन किया। नीबू बनी नसेरीन और नया बना जमालुद्दीन। धर्म परिवर्तन के बाद बाबा ने उन्हें पोस्टरिंग से संबद्ध पोर्टफोलियो की जिम्मेदारी दी। दोनों ने दुबई के अल फारूक उमर बिन खत्ताब सेंटर से ऑनलाइन धर्म परिवर्तन कराया।
एक टेस्ट की जांच में खुलासा हुआ है कि 2016 से 2020 के बीच दोनों ने कुल 19 बार विदेश यात्रा की थी। नवीन और नवीन ने कभी साथ में यात्रा नहीं की, बल्कि अपने-अपने चैनल्स से फंडिंग टेक्नोलॉजी रहे। नसेरिन ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि छांगुर बाबा अपने बेटे को दुनिया का सबसे अमीर इंसान बनाना चाहते थे। उसने धन को सफेद करने के लिए काले धन को संपत्ति और दूसरे बिजनेस की जमीन तैयार करने की थी।
बाबा चाहते थे कि फाइनेंस की कमान अब न सेरिन से लेकर बाबा को यात्रा दी जाए, जिससे नाराज होकर न सेरीन ने सारे राज खोल दिए। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि बाबा ने अपने सिंडिकेट में मुस्लिम लड़कों की टीम की तरफ से अपने सिंडिकेट में जो हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाया था। फिर उनका धर्म शहरीकरण हुआ था. जाति के आधार पर धर्म परिवर्तन की सूची भी तैयार की गई थी।
इस रेटेड सूची के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख लड़कियों के लिए 15 से 16 लाख रुपये, पिछवाड़े के ग्राहकों के लिए 10 से 12 लाख रुपये और अन्य ग्राहकों के लिए 8 से 10 लाख रुपये तक की नकदी तय की गई थी। एक टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि छांगुर बाबा देश के 579 हिंदू मुस्लिम समाज में इस प्रचार अभियान की योजना बनाई गई थी। करीब 2000 गुर्गे इस काम में लगाए गए थे। इनमें से 1000 मुस्लिम लड़के लव-जिहाद के माध्यम से धर्म परिवर्तन करवा रहे थे।
अब तक की जांच में छांगुर बाबा के नेटवर्क से जुड़े जो बैंक अकाउंट सामने आए हैं, वे अकाउंटेंट वाले हैं। दुबई, म्यूजियम और भारत में कुल 8 विदेशी बैंक के नाम पता चला है। इन अमीरातों में एनबीडी, अल नाहदा, मशरक बैंक, फेडरल बैंक, अल एस्कुलर रिज़र्वेशन, नागालैंड स्कोडाओ आदि शामिल हैं। इन दस्तावेजों में 66 करोड़ रुपये से ज्यादा लेन-देन की पुष्टि हुई है.
इस मामले में अब पीएचडी की भी एंट्री हो गई है, जो इन बैंक होल्डिंग्स और फंड ट्रांसफर की गहराई से जांच कर रही है। 12 करोड़ रुपए की बालाजी कोठी, जहां से बाबा धर्म परिवर्तन का पूरा नेटवर्क चला था, अब जमींदोज की जा रही है। प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बनी इस कोठी को बंद करने के बाद अब बाबा की मंडली को 8 लाख 55 हजार रुपये का वारंट भी दिया है। इस नेट को 15 दिन में जमा करना होगा.