अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद व्यापारी ने की आत्महत्या, भाजपा नेता का भाई था मृतक
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में अतिक्रमण विरोधी अभियान के बाद एक दुखद घटना सामने आई है। मंडी समिति क्षेत्र में कारोबार करने वाले व्यापारी चेतन सैनी ने कथित तौर पर मानसिक दबाव में आकर अपनी जान दे दी। मृतक स्थानीय भाजपा मंडल उपाध्यक्ष गजेंद्र सिंह के बड़े भाई थे।
मामले की जानकारी के अनुसार, चेतन सैनी लंबे समय से मंडी समिति क्षेत्र में अपना व्यापार कर रहे थे। हाल ही में वहां प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया, जिससे चेतन सैनी की दुकान या व्यापार प्रभावित हुआ था। परिजनों का आरोप है कि इसी के चलते वह गहरे तनाव में थे।
देर रात चेतन सैनी ने अपने घर की छत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के समय घर के लोग नीचे सो रहे थे और जब तेज आवाज सुनाई दी, तब जाकर उन्हें जानकारी मिली। तुरंत ही उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद से परिवार में कोहराम मचा है और पूरे इलाके में शोक का माहौल है। भाजपा कार्यकर्ताओं और व्यापारियों में भी दुख और आक्रोश देखा गया।
स्थानीय लोगों और व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के व्यापारियों पर दबाव बनाया, जिससे छोटे और मध्यम व्यवसायियों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। चेतन सैनी इसी दबाव को सहन नहीं कर पाए।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
भाजपा मंडल उपाध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके भाई पर अतिक्रमण का कोई बड़ा मामला नहीं था, लेकिन उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा था। उन्होंने घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आत्महत्या के कारणों की पुष्टि के लिए सीसीटीवी फुटेज, परिजनों के बयान और अन्य साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन मानसिक तनाव की आशंका को प्राथमिकता में रखा गया है।
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि व्यवसायियों की बदलती परिस्थितियों में प्रशासनिक रवैये पर भी सवाल उठाती है। अब देखना होगा कि जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और क्या वाकई यह मौत अतिक्रमण अभियान का दुष्परिणाम है या इसके पीछे कोई और वजह छिपी है।