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नदियों और रेल लाइनों पर बन रहे पुल अधर में, 71 करोड़ रुपये बढ़ी लागत

 

राज्य में नदियों और रेल लाइनों के ऊपर निर्माणाधीन कई पुल समय पर पूरा नहीं हो पा रहे हैं। स्थिति यह है कि निर्माण कार्य शुरू होने के वर्षों बाद भी ये पुल धरातल पर नहीं उतर सके हैं।

जानकारी के अनुसार, निर्माण की धीमी गति और तकनीकी समस्याओं के चलते चार प्रमुख पुलों की लागत में अब तक कुल 71 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। ये पुल लंबे समय से अधर में लटके हुए हैं और इनकी पूर्णता की कोई स्पष्ट समयसीमा तय नहीं हो सकी है।

मुख्य कारण:

  • ज़मीन अधिग्रहण में देरी

  • तकनीकी स्वीकृति में जटिलताएं

  • पर्यावरणीय मंजूरी में अड़चन

  • ठेकेदारों की कार्यशैली पर सवाल

विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर निगरानी और समन्वय की कमी के कारण परियोजनाओं की लागत बढ़ रही है और जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

प्रभाव:

  • आवागमन बाधित

  • परिवहन लागत बढ़ी

  • स्थानीय विकास कार्य प्रभावित

सरकार ने इन परियोजनाओं की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है और जल्द निर्माण कार्य में तेजी लाने का आश्वासन भी दिया है। जनता को उम्मीद है कि ये अधूरे पुल जल्द धरातल पर उतरेंगे और विकास की रफ्तार को गति मिलेगी।