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2022 उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए बीजेपी ने खेला निषाद कार्ड

 

उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 विधानसभा चुनाव होने में अभी काफी समय है। उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए अभी से सियासत शुरू हो चुकी है। राजनीतिक पार्टियां अपना-अपना वोट बैंक इक्कठा करने में लग चुकी है। जंहा पिछले दिनों मायावती ने अपना ब्राह्मण और दलित गठजोड़ का दांव खेलकर ब्राह्मण वर्ग और दलित वर्ग का वोट बैंक हासिल करने की कोशिश की थी। वही समाजवादी पार्टी के लीडर अखिलेश यादव भी फूलन देवी को याद करके पिछड़े समुदायों का वोट बैंक इक्कठा करने का प्रयास कर ही रहे थे की बीजेपी ने भी अपना निषाद दांव खेल दिया। बता दे की बीजेपी ने जयप्रकाश निषाद को राज्यसभा भेजने का फैसला लिए है। जयप्रकाश निषाद को राज्यसभा भेजकर बीजेपी मल्लाह समुदाय के वोट बैंक को इक्कठा करना चाहती है।
अब भविष्य में यह देखना काफी दिलचस्प होगा की उत्तर प्रदेश की जनता इनमे से किस पार्टी को अपना समर्थन देती है।

आपको बता दे की बीते दिनों 8 साल से सत्ता से बाहर चल रही बसपा की प्रमुख मायावती ने भी दलित-ब्राह्मण गठजोड़ का रास्ता अपनाया। मायावती अपने पुराने तरीके से उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी करना चाहती है। मायावती ने कहा की अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वो परशुराम भगवान की मुर्तिया लगवाएंगी और स्कूल पार्कों का नाम भी भगवान परशुराम के नाम पर रखेगी।

वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मल्लाह समुदाय का वोट बैंक अपनी तरफ खींचने का प्रयास कर रहे है। बीते दिनों फूलन देवी की पुण्यतिथि पर अखिलेश यादव ने उन्हें श्रदांजलि अर्पित की और इतना ही नहीं अखिलेश ने फूलन देवी की पुण्यतिथि पर उनके जीवन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री का प्रोमो भी साझा किया। जिसके अंदर फूलन देवी को ऐसे महिला के तौर पर दिखाया गया है जो अति पिछड़ी जाति (मल्लाह) में पैदा हुई थी और जिसे बिना किसी अपराध के मानसिक और शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ी। अखिलेश का यह प्रयास कहा तक कामयाब होगा यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।