"BJP सिर्फ समाज को बांटना चाहती है....' मस्जिद बैठक में डबल ईंजन सरकार पर बरसे अखिलेश यादव लगाए कई बड़े आरोप, देखे वीडियो
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है। मीडिया द्वारा हाल ही में एक मस्जिद में हुई राजनीतिक सभा पर सवाल उठाए जाने पर अखिलेश ने कहा कि भाजपा अब धार्मिक स्थलों को राजनीति का अड्डा बना रही है और समाज को आपस में बाँटने की कोशिश कर रही है।
अखिलेश यादव ने साफ़ कहा, "भाजपा का असली एजेंडा जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बाँटकर राजनीतिक फ़ायदा उठाना है। अब जब जनता असली मुद्दों पर सवाल पूछ रही है, तो ये लोग असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए मस्जिदों और मंदिरों का सहारा ले रहे हैं।"उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया पर एक मस्जिद में हुई राजनीतिक सभा को लेकर सवाल उठाए थे और विपक्ष पर 'धर्म की राजनीति' करने का आरोप लगाया था। लेकिन अखिलेश ने इसका जवाब सीधे भाजपा की रणनीति पर निशाना साधते हुए दिया।
उन्होंने आगे कहा, "देश की जनता महंगाई, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और किसानों की दुर्दशा जैसे मुद्दों पर जवाब मांग रही है, लेकिन भाजपा इन समस्याओं से भाग रही है और सिर्फ़ ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है।"उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक स्थलों पर शांति, सामाजिक संवाद और भाईचारे की बात होनी चाहिए, न कि नफरत और आरोप-प्रत्यारोप की।उन्होंने आगे कहा, "हमारी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है। जब हम मस्जिद गए थे, तो हमने भाईचारे की बात की थी। लेकिन भाजपा को यह पसंद नहीं आया क्योंकि वह नफरत के एजेंडे पर चलती है।"
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में अखिलेश यादव की रणनीति का हिस्सा है। भाजपा जहाँ हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, वहीं सपा ने सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और युवाओं के मुद्दों पर ज़ोर देना शुरू कर दिया है।भाजपा ने भी तुरंत इस बयान का खंडन किया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, "समाजवादी पार्टी का इतिहास तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति से जुड़ा रहा है। अखिलेश यादव का यह बयान राजनीति को धार्मिक रंग देने की एक कोशिश मात्र है।"