बरेली में 62 वर्षीय महिला से साइबर ठगी की कोशिश, पुलिस ने शुरू की जांच
जिले में एक शर्मनाक साइबर ठगी की कोशिश सामने आई है, जहां एक 62 वर्षीय महिला को ठगों ने अधिकारी बनकर डराया और धमकाया। महिला को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसाने की धमकी दी गई, जिसके बाद वह तीन दिन तक घर से बाहर नहीं निकली। यह मामला बुधवार को तब उजागर हुआ, जब महिला ने हिम्मत जुटाकर पुलिस को कॉल किया और मामले की सूचना दी।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, महिला के पास एक फोन कॉल आया था, जिसमें स्वयं को सरकारी अधिकारी बताते हुए ठगों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के एक गंभीर केस में फंसाने की धमकी दी। धमकी के बाद महिला डर के मारे तीन दिन तक अपने घर से बाहर नहीं निकली। साइबर ठगों ने महिला से कई बार संपर्क किया और उन्हें डराया-धमकाया, जिससे महिला मानसिक रूप से परेशान हो गई थी।
महिला के घर से बाहर न निकलने के कारण उसका मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो गया। हालांकि, बुधवार को उसने पुलिस से संपर्क किया और पूरी घटना की जानकारी दी। महिला की सूचना के बाद, पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की। पुलिस ने साइबर अपराध से जुड़े अधिकारियों के साथ मिलकर मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।
साइबर क्राइम थाना पुलिस ने कहा कि इस प्रकार की धोखाधड़ी की घटनाओं को गंभीरता से लिया जा रहा है और जल्द ही आरोपियों की पहचान की जाएगी। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल या संदेश से सावधान रहें और ऐसी घटनाओं के बारे में तुरंत पुलिस को सूचित करें।
इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि साइबर अपराधियों द्वारा अब न केवल वित्तीय धोखाधड़ी की जा रही है, बल्कि वे लोगों को मानसिक रूप से भी प्रताड़ित करने में लगे हैं। इस घटना को लेकर बरेली पुलिस प्रशासन ने जनता को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाने की योजना बनाई है।
पुलिस ने यह भी बताया कि साइबर ठगों का गिरोह अक्सर खुद को सरकारी अधिकारी, बैंक अधिकारी या अन्य महत्वपूर्ण पदों पर बैठा हुआ व्यक्ति बताता है और डराकर या झांसा देकर लोगों से पैसे ऐंठने की कोशिश करता है।
साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह मामला एक और उदाहरण है, जिसमें पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला की सुरक्षा सुनिश्चित की और आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।