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आज बैंकिंग सेवाएं रहेंगी प्रभावित, यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन के बैनर तले हड़ताल का ऐलान

 

बैंक उपभोक्ताओं के लिए एक जरूरी खबर है। 9 जुलाई 2025 को यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन के बैनर तले केंद्रीय श्रम संगठनों द्वारा बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल का असर उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में देखने को मिलेगा। इस हड़ताल के चलते बैंकों में लेन-देन, नकद जमा, निकासी और चेक क्लियरिंग जैसी सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं।

हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस हड़ताल में बैंक अधिकारी शामिल नहीं होंगे, लेकिन क्लर्क और अन्य कर्मचारी हड़ताल में भाग लेंगे। इसके चलते ग्राहकों को कई जरूरी बैंकिंग सेवाओं के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

हड़ताल के समर्थन में 8 जुलाई की शाम अलीगढ़ के रामघाट रोड स्थित केनरा बैंक शाखा के बाहर बैंक कर्मचारियों ने जोरदार धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी की। कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों, निजीकरण की प्रवृत्ति और बैंक कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर नाराजगी जताई।

क्या हैं हड़ताल की प्रमुख मांगें?
बैंक यूनियनों और श्रमिक संगठनों की ओर से यह हड़ताल केंद्र सरकार की नई श्रम संहिताओं, बैंकों के निजीकरण, और बैंक कर्मचारियों की पेंशन व वेतन विसंगतियों जैसे मुद्दों को लेकर की जा रही है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार लगातार सरकारी बैंकों को कमजोर कर निजी हाथों में सौंपने का प्रयास कर रही है, जिससे देश के करोड़ों उपभोक्ताओं का विश्वास और सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

बैंककर्मियों ने यह भी आरोप लगाया कि नए श्रम कानून श्रमिक हितों के खिलाफ हैं और इनके लागू होने से नौकरी की सुरक्षा, काम के घंटे और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर गंभीर असर पड़ेगा।

जनता को हो सकती है असुविधा
हड़ताल के चलते 9 जुलाई को बैंक शाखाओं में कामकाज ठप रह सकता है। नकद लेन-देन, पासबुक अपडेट, चेक क्लियरिंग जैसी सेवाएं बाधित रहेंगी। हालांकि, एटीएम और डिजिटल बैंकिंग सेवाएं (नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग) सामान्य रूप से चालू रहेंगी, लेकिन शाखा स्तर पर निर्भर ग्राहकों को दिक्कत हो सकती है।

प्रशासन और बैंक प्रबंधन की तैयारी
बैंक प्रशासन ने हड़ताल को देखते हुए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। ग्राहकों को पहले से सूचित किया जा रहा है कि वे अपनी जरूरी बैंकिंग गतिविधियां 8 जुलाई तक पूर्ण कर लें। वहीं, अधिकारियों की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि न्यूनतम सेवाएं बाधित न हों।