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फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे भारत में रह रहे थे बांग्लादेशी नागरिक, कोर्ट ने सुनाई तीन-तीन साल की सजा

 

फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड के जरिए भारत में अवैध रूप से रह रहे 18 बांग्लादेशी नागरिकों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। यह फैसला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट ने सुनाया।

इन सभी बांग्लादेशी नागरिकों ने पहचान छुपाने और भारत में रहने के लिए फर्जी दस्तावेज़ तैयार करवाए थे, जिसके आधार पर वे नौकरी करने और रहने की व्यवस्था में जुटे थे। मामले का खुलासा एक गुप्त सूचना के आधार पर स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों की कार्रवाई के दौरान हुआ था।

अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया कि दोषियों ने फर्जी आधार, पैन और अन्य दस्तावेज तैयार कर सरकारी सिस्टम को गुमराह किया, जो गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इस पर सभी को भारतीय दंड संहिता और विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत दोषी माना गया।

सीजेएम कोर्ट ने कहा कि देश की सुरक्षा और व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले तत्वों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जा सकता। साथ ही कोर्ट ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि सजा पूरी होने के बाद इन सभी दोषियों को देश से डिपोर्ट किया जाए

यह मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक स्तर पर भी जांच तेज हो गई है कि आखिर किन माध्यमों से ये लोग फर्जी दस्तावेज़ बनवाने में सफल हुए। अधिकारियों का कहना है कि फर्जीवाड़े के इस नेटवर्क से जुड़े लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी