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अनधिकृत विवाह केंद्र चलाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती, दो वकीलों पर गिरी गाज

 

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक गंभीर मामले की सुनवाई के दौरान अदालत परिसर में अनधिकृत विवाह केंद्र संचालित होने का खुलासा होने पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने इस मामले में संलिप्त पाए गए दो वकीलों को उनके चैंबर से बेदखल करने और उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है।

यह मामला उस समय सामने आया जब अदालत में एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह जानकारी मिली कि कुछ वकील न्यायिक परिसर में अवैध रूप से विवाह कराने का काम कर रहे हैं। अदालत ने इसे न्याय व्यवस्था का घोर अपमान बताते हुए इस पर तीखी नाराजगी जताई।

न्यायमूर्ति का सख्त रुख

लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति ने आदेश में कहा कि अदालत परिसर, जो न्याय के पवित्र कार्यों के लिए सुरक्षित है, वहां यदि कोई वकील कानून का उल्लंघन करते हुए अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाया जाए, तो यह न्याय प्रणाली पर सीधा हमला है। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे मामलों में "जीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाई जाएगी।

चैंबर से बेदखली और एफआईआर के आदेश

कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि दोनों वकीलों को तत्काल प्रभाव से उनके बार चैंबर से बेदखल किया जाए। साथ ही, उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू की जाए।

अदालत ने रजिस्ट्रार जनरल और बार काउंसिल को भी निर्देशित किया है कि वे इस मामले पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें और सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

बार काउंसिल और वकील समाज में हलचल

इस फैसले के बाद वकील समुदाय और बार काउंसिल में भी हलचल मच गई है। कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने इसे "न्यायिक मर्यादा की रक्षा के लिए उठाया गया उचित कदम" बताया है, जबकि कुछ ने इस पर विस्तृत जांच की मांग की है ताकि निर्दोष वकीलों को अनावश्यक दंड न मिले।