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अखिलेश यादव का भाजपा पर तीखा हमला: "यूपी में बिजली इतनी महंगी हो जाएगी कि लोग मोबाइल चार्ज नहीं कर पाएंगे"

 

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने प्रदेश में बिजली दरों में संभावित बढ़ोतरी को लेकर जनता को आगाह करते हुए कहा कि "यूपी में बिजली इतनी महंगी होने जा रही है कि लोग मोबाइल तक चार्ज नहीं कर पाएंगे।"

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार जनहित के मुद्दों पर पूरी तरह से विफल हो चुकी है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, "पहले डबल इंजन सरकार में इंजन आपस में टकरा रहे थे, अब यूपी में सारे डिब्बे एक-दूसरे से टकरा रहे हैं।" उनका इशारा राज्य सरकार के भीतर कथित आंतरिक टकराव और नीतिगत असंतुलन की ओर था।

बिजली संकट पर तीखी टिप्पणी

सपा प्रमुख ने आगामी बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी को लेकर जनता के बीच चिंता जताई और कहा कि भाजपा सरकार गरीबों और मध्यम वर्ग के जीवन को और कठिन बनाने पर तुली हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बिजली कंपनियों के फायदे के लिए आम जनता की जेब पर बोझ डाल रही है।

"आज जो हालात हैं, उसमें सरकार बिजली दरें बढ़ाने की तैयारी कर रही है। जब बिजली इतनी महंगी हो जाएगी कि लोग मोबाइल तक चार्ज नहीं कर पाएंगे, तब जनता को भाजपा की असलियत समझ में आएगी," — अखिलेश यादव

गठबंधन को लेकर बयान: “इंडिया गठबंधन एकजुट है”

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब उनसे इमरान मसूद के इंडिया गठबंधन पर दिए गए बयान के बारे में पूछा गया, तो अखिलेश यादव ने कहा, "हमें किसी के निजी बयान से कोई लेना-देना नहीं है। इंडिया गठबंधन एकजुट है और मिलकर चुनाव लड़ेगा।" उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि अगर किसी को गठबंधन छोड़ना है, तो वह चला जाए, लेकिन सपा अपने सिद्धांतों और जनसमर्थन के आधार पर आगे बढ़ेगी।

पीडीए गठबंधन का ज़िक्र: “यह इमोशनल गठबंधन है”

सपा प्रमुख ने 'पीडीए' यानी पीड़ित, दलित और अल्पसंख्यक वर्गों के साथ गठबंधन को 'इमोशनल गठबंधन' बताया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का उद्देश्य उन तबकों को राजनीतिक और सामाजिक न्याय दिलाना है, जिन्हें अब तक हाशिये पर रखा गया।

"हमारा पीडीए गठबंधन भावनात्मक है, यह उन लोगों के लिए है जो वाकई में पीड़ित हैं। भाजपा ने सिर्फ नफरत और बंटवारे की राजनीति की है, हम एकजुटता और समानता की बात करते हैं।"

राजनीतिक माहौल गरमाने के संकेत

अखिलेश यादव के इस बयान से साफ है कि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक माहौल अब धीरे-धीरे गर्म होता जा रहा है। विपक्ष अब ज्यादा आक्रामक तेवर में नजर आ रहा है और जनहित के मुद्दों को केंद्र में रखते हुए भाजपा पर हमला बोल रहा है।

वहीं, भाजपा की ओर से अब तक अखिलेश यादव के इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन यह तय है कि बिजली दरों, महंगाई और गठबंधन की एकजुटता जैसे मुद्दे अब चुनावी बहस के केंद्र में रहेंगे।