मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान: कृषि है यूपी की रीढ़, एमएसएमई बना दूसरा सबसे बड़ा रोजगार स्रोत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि और एमएसएमई क्षेत्र को राज्य के आर्थिक विकास की दो मजबूत आधारशिलाएं बताया है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक रोजगार कृषि क्षेत्र ही प्रदान करता है। राज्य के करीब तीन करोड़ किसान अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कृषि पलायन का कारण नहीं, बल्कि खुशहाली का माध्यम बनना चाहिए।
सीएम योगी ने कहा, "अगर हम कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और तकनीक का लाभ किसानों तक पहुंचा सकें, तो यह क्षेत्र न केवल आत्मनिर्भरता देगा, बल्कि युवाओं को भी रोजगार से जोड़ पाएगा।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खेती को सिर्फ पारंपरिक तरीका मानने की बजाय, इसे विज्ञान और तकनीक से जोड़ने की जरूरत है ताकि अधिक उत्पादकता और बेहतर आमदनी सुनिश्चित की जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि के बाद एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) क्षेत्र राज्य में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता बन चुका है। वर्तमान में 1.65 करोड़ से अधिक लोग एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने इसे "नए भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़" बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है।
सीएम योगी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश अगर विकसित होता है, तो भारत को विकसित राष्ट्र बनने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। उन्होंने सभी नागरिकों से अपने-अपने क्षेत्रों में ईमानदारी से कार्य करने की अपील की और कहा कि जब हर व्यक्ति पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन करता है, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।
उन्होंने राज्य में चल रही कृषि सुधार योजनाओं, कृषि यंत्रीकरण, पीएम किसान सम्मान निधि योजना, और एमएसएमई सेक्टर में निवेश को लेकर भी सकारात्मक संकेत दिए और कहा कि सरकार इन दोनों क्षेत्रों को और अधिक मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार युवाओं को खेती से जोड़ने के लिए एग्रीटेक स्टार्टअप, जैविक खेती, और कृषि आधारित उद्यमिता को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों से भी अपील की कि वे किसानों और उद्यमियों को सहयोग देने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।
इस अवसर पर विशेषज्ञों ने भी कृषि और एमएसएमई सेक्टर की सराहना की और इसे उत्तर प्रदेश के सतत विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया। मुख्यमंत्री के संबोधन ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार गांव, किसान और उद्यमिता को साथ लेकर ‘विकसित उत्तर प्रदेश, विकसित भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है।
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