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इस ‘बड़े फैसले’ पर टिका अफजाल अंसारी का राजनीतिक भविष्य, क्‍या आएगा परिणाम?

 

उत्तर प्रदेश न्यूज डेस्क !! उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की सियासी लड़ाई पर फैसला 4 जून को आएगा, लेकिन उससे पहले मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी की सियासी किस्मत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से फैसले की तारीख 2 मई तय की गई है. दरअसल, मुहम्मदाबाद से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के गैंगस्टर मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा अफजल को सुनाई गई चार साल की सजा पर फैसला होना है. अगर फैसला आया तो उनका राजनीतिक सफर जारी रहेगा.

2002 के चुनाव में अफजल को हराने वाले तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की 29 नवंबर 2005 को बसनियां में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में साजिश में अंसारी बंधुओं के साथ संजीव जीवा, मुन्ना बजरंगी पर भी केस दर्ज किया गया था.

हत्या के मामले में अंसारी बंधुओं को बरी कर दिया गया, लेकिन इस मामले के आधार पर पुलिस ने 2007 में अफजाल और मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर का मामला भी दर्ज किया। इस मामले में 29 अप्रैल 2023 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने अफजल को चार साल और मुख्तार को 10 साल की सजा सुनाई थी. इस फैसले के बाद अफजल जेल चले गए और संसद सदस्यता खत्म हो गई.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा सदस्यता बहाल

हाई कोर्ट के आदेश पर जमानत पर रिहा हुए अफजल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दलील दी कि जब वह विधायक हत्याकांड में बरी हो चुका है तो इसके आधार पर गैंगस्टर के तहत निचली अदालत का फैसला अस्वीकार्य है. सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2023 को अफ़ज़ल की सज़ा को सशर्त निलंबित कर दिया। सदस्यता बहाल. हाईकोर्ट को 30 जून तक फैसला करने का समय दिया गया है. वहीं, कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने उनकी सजा को चार से बढ़ाकर 10 साल करने के लिए हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. दोनों पर एक साथ सुनवाई हो रही है.