परिषदीय विद्यालयों के विलय के बाद अब हर कंपोजिट स्कूल में होंगी दो स्मार्ट क्लास, आधुनिक शिक्षा की ओर कदम
उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त और तकनीक-संवर्धित बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। हाल ही में कम नामांकन वाले 10,827 परिषदीय विद्यालयों के विलय (पेयरिंग) के बाद अब सरकार का फोकस विद्यालयों में बेहतर व आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराने पर है। इसी क्रम में बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी कंपोजिट विद्यालयों (कक्षा 1 से 8 तक) में दो-दो स्मार्ट क्लास तैयार कराने की योजना को अमल में लाना शुरू कर दिया है।
हर कंपोजिट विद्यालय में दो स्मार्ट क्लास की तैयारी
बेसिक शिक्षा विभाग का मानना है कि विद्यालयों के विलय के बाद अब संसाधनों का केंद्रीकरण करते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसी उद्देश्य से प्रत्येक कंपोजिट विद्यालय में दो स्मार्ट क्लासरूम बनाए जा रहे हैं, जिनमें स्मार्ट टीवी, ऑडियो-वीडियो कंटेंट, डिजिटल टीचिंग टूल्स और अन्य तकनीकी संसाधन शामिल होंगे।
स्मार्ट टीवी और उपकरण भेजने की प्रक्रिया शुरू
इस योजना के तहत विभाग ने स्मार्ट टीवी और आवश्यक उपकरणों को स्कूलों तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, पहले चरण में राज्य के विभिन्न जिलों के चयनित कंपोजिट विद्यालयों को प्राथमिकता दी जा रही है। टीवी के साथ ही माउंटिंग यूनिट, स्पीकर सिस्टम, पेन ड्राइव आधारित शिक्षण सामग्री, और प्रशिक्षित शिक्षकों को तकनीकी सहायता देने के लिए निर्देश भी भेजे जा रहे हैं।
गुणवत्ता पर जोर, शिक्षक होंगे प्रशिक्षित
सिर्फ तकनीकी संसाधन भेजने तक ही सरकार की योजना सीमित नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को स्मार्ट क्लास के उपयोग के लिए प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी की जा रही है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि तकनीक का सही उपयोग हो और छात्र-छात्राओं को उसका वास्तविक लाभ मिले।
नई शिक्षा नीति के अनुरूप कदम
राज्य सरकार का यह निर्णय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप है, जिसमें प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा, समावेशी शिक्षण, और अनुभवात्मक अधिगम को बढ़ावा देने की बात कही गई है। स्मार्ट क्लास के माध्यम से बच्चों को न सिर्फ पारंपरिक विषयों की समझ बेहतर होगी, बल्कि वे डिजिटल माध्यम से इंटरएक्टिव और व्यावहारिक शिक्षा से भी जुड़ पाएंगे।
ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों को भी मिलेगा लाभ
विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में स्थित कंपोजिट विद्यालयों को इस योजना से बड़ा लाभ मिलेगा, जहां अब तक डिजिटल संसाधनों की भारी कमी रही है। स्मार्ट क्लासरूम वहां के बच्चों के लिए तकनीकी शिक्षा से जुड़ने का सुनहरा अवसर बन सकते हैं।