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आरपीएफ कांस्टेबल परीक्षा में फर्जीवाड़ा, आगरा के एत्मादपुर में बायोमेट्रिक न मिलने पर मामला दर्ज

 

रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) द्वारा आयोजित आरपीएफ कांस्टेबल परीक्षा में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। 7 मार्च को एत्मादपुर क्षेत्र के नगला रामबक्स स्थित आईओन डिजिटल जॉन (देव कॉलेज) में परीक्षा के दौरान एक फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने में सफल रहा। बायोमेट्रिक सत्यापन में गड़बड़ी पाए जाने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ, जिसके बाद संबंधित परीक्षा कंपनी टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) की ओर से थाने में केस दर्ज कराया गया है।

बायोमेट्रिक मिलान में फेल हुआ परीक्षार्थी

परीक्षा केंद्र में सभी अभ्यर्थियों का प्रवेश बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से हो रहा था। इसी प्रक्रिया के दौरान एक अभ्यर्थी का फिंगरप्रिंट और आधार से मिलान नहीं हो पाया। संदेह होने पर जब उसकी जांच की गई तो यह आशंका जताई गई कि वह वास्तविक अभ्यर्थी नहीं बल्कि किसी और के स्थान पर परीक्षा देने आया फर्जी परीक्षार्थी हो सकता है।

टीसीएस के परीक्षा पर्यवेक्षकों ने तत्काल इस मामले की जानकारी परीक्षा नियंत्रण कक्ष को दी और परीक्षा स्थल पर तैनात अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस को सूचना दी गई।

टीसीएस कंपनी ने दर्ज कराया मुकदमा

टीसीएस, जो कि रेलवे की ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी है, ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एत्मादपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस जांच में जुटी, परीक्षा रैकेट की आशंका

पुलिस अधिकारी जांच के दौरान यह पता लगाने में जुटे हैं कि क्या यह किसी संगठित परीक्षा रैकेट का हिस्सा है। ऐसे मामलों में अक्सर देखा गया है कि अभ्यर्थियों की जगह पैसे लेकर पेशेवर सॉल्वर परीक्षा देते हैं।

जांच टीम अब परीक्षा केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है और साथ ही उस अभ्यर्थी के सभी दस्तावेजों और फॉर्म की भी पड़ताल कर रही है।

परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल

यह घटना न केवल परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि फर्जीवाड़े की घटनाएं अब आधुनिक सुरक्षा उपायों के बावजूद हो रही हैं।

रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा आरपीएफ कांस्टेबल की परीक्षा देशभर में आयोजित की जा रही है, और लाखों युवा इसमें शामिल हो रहे हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार की धांधली भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकती है।

फिलहाल कार्रवाई जारी

फिलहाल पुलिस उस अभ्यर्थी की पहचान स्थापित करने और उसके पीछे मौजूद नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है। वहीं, टीसीएस की टीम ने भी अपनी आंतरिक जांच शुरू कर दी है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि परीक्षा केंद्रों पर सतर्कता और तकनीकी सुरक्षा के साथ मानवीय निगरानी भी अत्यंत आवश्यक है।