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एक सुबह में बदली राजनीति की दिशा! पूर्व सीएम ओपीएस ने की एनडीए से विदाई, चुनाव से ठीक पहले NDA से तोड़ा नाता

 

तमिलनाडु की राजनीति में एक बड़ा और चौंकाने वाला मोड़ आया है। AIADMK से निलंबित नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम (OPS) ने अपने गुट को NDA से अलग करने का ऐलान कर दिया है। यह फैसला तब आया जब ओपीएस ने सुबह की सैर के दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुलाकात की। हालाँकि, कहा जा रहा है कि यह मुलाकात पूर्व नियोजित नहीं थी। इसके बावजूद, कुछ ही घंटों बाद ओ पन्नीरसेल्वम की ओर से यह बड़ा राजनीतिक फैसला आया। इससे पहले, ओपीएस ने तमिलनाडु के गंगईकोंडा चोलपुरम दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था। उन्होंने लिखा था कि प्रधानमंत्री से मिलना उनके लिए एक 'अद्वितीय सम्मान' होगा और उन्होंने औपचारिक रूप से मुलाकात के लिए समय भी मांगा था।

पूर्व मुख्यमंत्री ओपीएस क्यों नाराज़ थे?

हालाँकि, ओपीएस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान (SSA) के फंड के वितरण में देरी के लिए सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार की आलोचना की। इस घटनाक्रम को अब एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, जिसके चलते ओपीएस ने भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन से बाहर निकलने का फैसला किया।

यह घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री ओपीएस के लंबे समय से विश्वासपात्र रहे पनरुति एस रामचंद्रन ने की। उन्होंने पुष्टि की कि उनका गुट भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से अपना गठबंधन तोड़ रहा है। उन्होंने कहा, 'हम एनडीए से गठबंधन तोड़ रहे हैं।' उन्होंने आगे कहा कि ओपीएस 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों से पहले जल्द ही राज्यव्यापी दौरा शुरू करेंगे। उन्होंने आगे कहा, 'फिलहाल किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं है। भविष्य में, चुनाव नज़दीक आने पर हम गठबंधन पर फैसला करेंगे।'

ओपीएस और अभिनेता विजय

घोषणा के समय, ओपीएस ने अभिनेता विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कज़गम (टीवीके) के साथ हाथ मिलाने की संभावना से इनकार नहीं किया। संभावित गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, 'समय बताएगा' और कहा कि चुनावों में अभी समय है। ओपीएस अन्नाद्रमुक के एक प्रमुख नेता और एनडीए में भाजपा के सहयोगी थे। उन्होंने कहा कि नेतृत्व को लेकर अन्नाद्रमुक के भीतर तीखी खींचतान के बाद, उन्होंने अपना अलग गुट बना लिया था। एनडीए से उनके बाहर होने से अब राज्य में, खासकर 2026 के तमिलनाडु चुनावों से पहले, संभावित पुनर्गठबंधन पर सवाल उठने लगे हैं।

प्रश्न: पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) कौन हैं?

उत्तर: ओपीएस यानी ओ. पन्नीरसेल्वम की तमिलनाडु की राजनीति में एक अलग पहचान है। वह अन्नाद्रमुक पार्टी से जुड़े रहे हैं। वह तीन बार तमिलनाडु राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। ओपीएस पहली बार 2001 में, दूसरी बार 2014 में और तीसरी बार 2016 में मुख्यमंत्री बने थे, जब उन्होंने दिवंगत नेता जयललिता के निधन के बाद पदभार संभाला था।

प्रश्न: ओ. पन्नीरसेल्वम और (अन्नाद्रमुक) के बीच मतभेद क्यों पैदा हुए?

उत्तर: ओपीएस और अन्नाद्रमुक के वर्तमान महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) के बीच नेतृत्व को लेकर लंबे समय से मतभेद रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद पार्टी में नेतृत्व को लेकर दो गुट बन गए थे। जुलाई 2022 में पार्टी की आमसभा में ओपीएस को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। हालाँकि वे मुख्यधारा की अन्नाद्रमुक से बाहर हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने अपनी राजनीतिक भूमिका जारी रखते हुए स्वतंत्र गुट (ओपीएस गुट) को बनाए रखा है।