अलवर: शहनाई पर बंदिश:ज्यादातर परिवार देव उठनी एकादशी तक टाल चुके शादियां, कुछ यूपी-हरियाणा में जाकर कर रहे
जयपुर डेस्क!!! राज्य सरकार ने शादियों पर रोक लगा रखी है। जरूरी होने पर शादी में सिर्फ 11 लोगों के शामिल होने की अनुमति है। ऐसे हालात में अलवर के कुछ परिवार उत्तर प्रदेश व हरियाणा जाकर शादी समारोह का आयोजन कर रहे हैं। इसके कुछ उदाहरण हाल ही में सामने आए है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में शादी समाराेह में 50 लाेग शामिल हाे सकते हैं। इन परिवारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश अलवर से ज्यादा दूर नहीं है। यहां या तो कोर्ट मैरिज करो या फिर 11 लोगों को बुलाओ, दोनों ही परिस्थितियों में शादी करने के लिए लोग तैयार नहीं हैं। इसके अलावा कई परिवार ऐसे हैं, जो देवउठनी एकादशी तक के लिए शादियां टाल चुके हैं। वहीं कुछ परिवार शादी की डेट फाइनल करने में अभी भी हिचक रहे हैं।ऐसे परिवारों काे राज्य सरकार की ओर जारी हाेने वाली नई गाइडलाइन का इंतजार है ताे दूसरी ओर काेराेना की तीसरी लहर का डर भी है। जानकारों का कहना है कि नई गाइडलाइन में राज्य सरकार की ओर से शादी समाराेह के लिए छूट दी जाती है ताे नवंबर में फिर से शादी समाराेह में राैनक दिखाई दे सकती है।
दाउदपुर काॅलाेनी निवासी एक परिवार ने 20 जून काे बेटे की शादी उत्तर प्रदेश के वृंदावन में जाकर की। दूल्हे के पिता बताते हैं कि काेराेना महामारी और लाॅक डाउन के कारण बेटे की शादी तीन बार टालनी पड़ी। शादी की डेट फाइनल हाे चुकी थी। उत्तर प्रदेश में शादी समाराेह में 50 लाेग शामिल हाे सकते हैं
इसी तरह मालन की गली निवासी एक परिवार ने अपनी बेटी की शादी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जाकर की। लड़की के भाई ने बताया कि लड़के वाले ताे अलवर में आकर शादी करना चाहते थे, लेकिन यहां शादी काे लेकर कई प्रकार की राेक है। इस कारण लड़काें वालाें ने कहा कि आप मुरादाबाद आकर शादी करना चाहें ताे आ सकते हैं। परिवार में चर्चा के बाद हमने मुरादाबाद जाकर शादी करने का निर्णय लिया।
पं. शिब्बूराम शास्त्री, यज्ञदत्त शर्मा, गाेपाल शास्त्री व श्याम सुंदर प्रधान का कहना है कि जिनके यहां अप्रैल, मई और जून में शादियां होनी थीं, उनमें से अधिकतर लाेगाें ने नवंबर में देव उठनी एकादशी के अबूझ सावे तक शादियां टाल दी हैं। शादी कब करेंगे, यह नहीं बता रहे हैं।ताे जुलाई में कुछ शादियां हाे सकती हैं। पंचांग के अनुसार जुलाई में 1 से 7, 15, 18 व 20 तारीख का सावा है। इनमें 18 जुलाई काे भडलिया नवमी और 20 जुलाई का देव शयन एकादशी के अबूझ सावे हैं।
मैरिज हाेम संचालक व विवाह स्थल संचालक समिति के अध्यक्ष गिरीश कटारिया, मैरिज हाेम संचालक दीपक अग्रवाल, मदन अराेड़ा व सुरेंद्र सैनी का कहना है कि शादियाें पर राेक हाेने से मैरिज हाेम और मैरिज गार्डन वाले संकट में हैं। जिला प्रशासन का मैरिज हाेम वालाें पर दबाव है बुकिंग कराने वालाें से जाे अमानत राशि मिली थी, वाे ताे हमने फ्लाॅवर डेकाेरेशन, जनरेटर और कैटरिंग वालाें काे दे दी। उसे हम वापस कहां से दें। इसके अलावा मैरिज हाेम्स के मेंटेनेंस पर हर महीने खर्चा हाेता है। बिजली का बिल है, गार्ड व चाैकीदार का वेतन है। जिन्होंने बुकिंग केंसिल कराई