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वीडियो में देखे पुष्कर का वो रहस्यमयी शिव मंदिर जहां महाभारत के पांडवों ने की थी पूजा, आज भी सावन के सोमवार को लगता है श्रद्धालुओं का मेला

 

पांडेश्वर महादेव मंदिर राजस्थान के पुष्कर शहर में स्थित भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है, जो एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। यह मंदिर अपनी पौराणिक मान्यताओं और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल में पाँच पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान करवाया था।ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल में पाँच पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान करवाया था। यह मंदिर धौलपुर शहर के पूर्वी छोर पर स्थित है।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/5jOBnya9J4w?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/5jOBnya9J4w/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="पुष्कर का इतिहास, मान्यता, सनातन धर्म में महत्व, विश्व में ब्रह्मा का एकमात्र मंदिर, पवित्र सरोवर" width="1250">
मंदिर में एक प्राचीन शिवलिंग स्थापित है। हर सोमवार को यहाँ भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है, क्योंकि सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है, जिनकी पूजा के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं।महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर यहाँ भक्तों का ताँता लगा रहता है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और मेले का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और मेले में भाग लेते हैं।

यह मंदिर आसपास के क्षेत्रों के लोगों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है, जहाँ नियमित रूप से भक्त दर्शन और पूजा के लिए आते हैं।'पंचकुंड' महाभारत काल के पांडवों से संबंधित है। जहाँ पाँच छोटे कुंड या जलस्रोत मौजूद हैं। कहा जाता है कि द्वापर युग के अंत से पहले पांडव यहाँ आकर रुके थे, यहाँ उन्होंने एक शिवलिंग की स्थापना की और भगवान शिव की आराधना की। इसी कारण इसे पांडेश्वर महादेव मंदिर भी कहा जाता है।

यह मंदिर पुष्कर शहर से कुछ दूरी पर स्थित है, इसलिए तीर्थयात्री और पर्यटक यहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं।यहाँ दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। ज़ी राजस्थान इसकी पुष्टि नहीं करता है।