Rajsamand में दिखने लगा तीसरी लहार का असर, 15 से कम आयु के 88 बच्चे भी आए जद में
राजसमंद न्यूज़ डेस्क, जिले में कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। गुरुवार काे 170 नए राेगी मिले हैं। वहीं बुधवार काे भी 100 से ज्यादा राेगी मिलने की पुष्टि हुई थी। एक जनवरी से अब तक 787 कोरोना के मरीज मिल चुके हैं। चिंता की बात ताे यह है कि एक जनवरी से लेकर अब तक जिले में 15 वर्ष से कम आयु के 88 बच्चे भी इस राेग की चपेट में आ चुके हैं।
इस बीच बच्चाें के लिए आरके अस्पताल में बनाए जा रहे 12 बेड का कोरोना वार्ड तीसरी लहर में शुरू होने वाला अब तक तैयार नहीं हाे पाया है। दूसरी लहर के बाद से ही विशेषज्ञों ने संकेत दिए थे कि तीसरी लहर में बच्चे भी चपेट में आएंगे। अब तक वार्ड में बेड भी नहीं लगे हैं, निर्माण कार्य ही चल रहा है। यहां बेडों को ही स्टैंड व स्टूूल बनाकर मजदूर काम कर रहे हैं।
जिले में एक्टिव केस का आंकड़ा अब 8वें शतक के पास पहुंच गया है। गुरुवार को 170 नए राेगी मिलने के साथ ही जिले में अब तक 787 कोरोना के एक्टिव केस हाे चुके हैं। बुधवार को आई रिपोर्ट में 1 से 10 साल तक के 5 बच्चे कोरोना संक्रमित मिले हैं, वहीं गुरुवार की रिपाेर्ट में 18 साल तक के 11 बच्चे पाॅजिटिव पाए गए हैं।
इसमें जूणदा निवासी (10), बैठूंबी निवासी (17), रेलमगरा निवासी (17), कुरज निवासी (15), कुरज निवासी (12), केलवा निवासी (13), बामनटुकड़ा निवासी (15), फरारा निवासी (12), लालबाग निवासी (16), किशाेरनगर मंडा निवासी (16), राजनगर निवासी (17) साल का बच्चा पाॅजिटिव हैं। वहीं बुधवार काे भी 5 बच्चे 10 साल की उम्र से कम के संक्रमित मिले थे।
तीसरी लहर में संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, साथ ही चिंता की बात यह भी है कि अब तक 19 हजार 768 बच्चाें के वैक्सीन नहीं लग पाई हैं। 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हुआ। इसमें जिले में करीब 83 हजार 580 बच्चाें में से 63 हजार 812 बच्चाें काे वैक्सीन लग चुकी है, लेकिन 19 हजार 768 बच्चे ऐसे हैं जिनकाे अब तक डाेज लगना बाकी है।
अभियान के बाद कुछ दिनों तक तो वैक्सीनेशन तेज गति से चला, लेकिन काेराेना बढ़ने से स्कूलाें के बंद हाेने के आदेश के साथ ही वैक्सीनेशन की गति भी धीमी पड़ गई। विभागीय आंकड़ों के अनुसार चिकित्सा विभाग 76.35 प्रतिशत बच्चाें काे वैक्सीन लगा चुका हैं।
शहरी क्षेत्र में बच्चों के वैक्सीनेशन काे गति देने के लिए चिकित्सा विभाग को प्लान बदलना पड़ रहा है। शहर में तो करीब-करीब सभी एरिया को कोरोना ने अपनी जद में ले लिया है। सब कुछ खुला हाेने की स्थिति में मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति बरती लापरवाही घातक साबित हो सकती है, हालांकि तीसरी लहर में इस बात की राहत भी है कि अधिकांश केस घरों में ही ठीक हो रहे हैं।
बच्चाें के लिए काेराेना वार्ड का काम चल रहा है, जल्द ही तैयार करवाया जाएगा। इसके अलावा भी 25 आईसीयू बेड़ हैं। आवश्यकता पड़ने पर प्रेशर कम करके उनकाे भी उपयाेग में लिया जा सकता है। बच्चाें के लिए अलग से बनने वाला वार्ड एक महीने में बनकर तैयार हाे जाएगा। पहले का भी बच्चाें के लिए आईसीयू वार्ड है, उसका भी सावधानी के साथ उपयाेग करेंगे।
राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!!