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नहीं जारी हुआ मंत्री की घोषणा के बाद भी रीट नोटिफिकेशन, वीडियो में देखे क्या है देरी की वजह

 

जयपुर न्यूज़ डेस्क !!! रीट पात्रता परीक्षा के लिए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की घोषणा के बाद भी शिक्षा विभाग ने अब तक विज्ञप्ति तक जारी नहीं की है। जानकारी के लिए बता दें कि, बीते 9 नवंबर को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने रीट नोटिफिकेशन के लिए 25 नवंबर और आवेदन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए तरीखों की घोषणा की थी। इसके बावजूद नोटिफिकेशन अब तक जारी नहीं किया गया, जिसके चलते प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य दाव पर लगा हुआ है।

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दरअसल, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने 9 नवंबर को राज्य में REET पात्रता परीक्षा की विज्ञप्ति 25 नवंबर तक जारी करने की घोषणा की थी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया 1 दिसंबर से शुरू कर दी जाएगी. शिक्षा विभाग ने अभी तक REET पात्रता परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है. इसके बाद प्रदेश में REET परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं का इंतजार और भी बढ़ गया है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि REET पात्रता परीक्षा की विज्ञप्ति पहले घोषित की गई थी. इस परीक्षा को लेकर कुछ लोग कोर्ट चले गये हैं. इसके चलते तय समय पर विज्ञप्ति जारी नहीं हो सकी। जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर परीक्षा तय समय पर आयोजित की जाएगी.

जानिए क्या है रीत

REET का पूरा नाम राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा है। जो कि राजस्थान के सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए आवश्यक पात्रता परीक्षा है। यह परीक्षा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर द्वारा आयोजित की जाती है। REET पास करने वाले उम्मीदवारों को राजस्थान शिक्षक पात्रता प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है। यह प्रमाणपत्र 3 वर्ष के लिए वैध है। ऐसे में 3 साल तक आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर चुके उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। आपको बता दें कि इससे पहले रिट नोटिस साल 2022 में जारी किया गया था. उस समय तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर साल रीट आयोजित करने का निर्णय लिया था। लेकिन, 2 साल बीत जाने के बाद भी अब तक दोबारा परीक्षा नहीं हो सकी. इससे राज्य के 15 लाख से ज्यादा युवाओं का इंतजार बढ़ गया था. हाल ही में राजस्थान सरकार ने राज्य में रीट परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है।

शिक्षा विभाग के विवादास्पद फैसले

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मुख्यमंत्री बाल गोपाल दूध योजना की जगह बच्चों को मोटा अनाज देने की घोषणा की. कुछ दिन बाद मिड डे मील आयुक्तालय ने फरवरी तक दूध पाउडर बांटने के आदेश जारी कर दिए।
शिक्षा विभाग की 100 दिवसीय कार्ययोजना में स्थानांतरण नीति बनाने की घोषणा की गयी. सरकार का 1 साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है. अभी तक कोई स्थानांतरण नीति नहीं बनाई गई है।
शिक्षा मंत्री ने महात्मा गांधी स्कूलों की समीक्षा की घोषणा की थी. इसके बाद कहा गया कि अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को वापस हिंदी मीडियम में बदला जाएगा. आज तक समीक्षा नहीं हुई और न ही किसी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल को हिंदी माध्यम में बदला गया है.
माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने 15 अक्टूबर को तबादला आदेश जारी किया. जिसमें दौसा से एक ही जाति के कई शिक्षकों का तबादला कर दिया गया. विवाद खड़ा होने के 3 घंटे के भीतर ही शिक्षा विभाग बैकफुट पर आ गया और तबादला आदेश रद्द करना पड़ा.
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सरप्लस शिक्षकों की पदस्थापना लंबित है। विभाग ने सबसे पहले 15 अगस्त को इन शिक्षकों का ब्योरा जुटाने का आदेश जारी किया, ताकि इन्हें स्थायी तैनाती दी जा सके. फिर अपना ही आदेश वापस ले लिया. जिससे 37 हजार शिक्षकों को झटका लगा है.
इसी साल मार्च में शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने कोर्ट के फैसले के अधीन अतिरिक्त विषयों के डिग्रीधारकों को नियुक्ति देने का आदेश जारी किया था. लेकिन 10 दिन बाद ही यह आदेश वापस ले लिया गया.
शिक्षा विभाग ने इस बार पहली कक्षा में दाखिले के लिए 6 से 7 साल की उम्र तय की थी. पहले आयु की गणना 31 मार्च 2024 के आधार पर की जा रही थी। विरोध के कारण इसे 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया। इसके बाद भी जब स्कूलों में दाखिले नहीं हुए तो एक अक्टूबर के आधार पर आयु की गणना करने का आदेश जारी कर दिया गया।
शिक्षा मंत्री के आदेश के बाद राज्य भर के स्कूलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. लेकिन कुछ दिनों बाद शिक्षकों के विरोध पर स्कूलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल में छूट देने के आदेश जारी कर दिए गए. जिसमें कहा गया कि मोबाइल का उपयोग डिजिटल शिक्षा के लिए पठन-पाठन के लिए किया जा सकता है। विभागीय समन्वय एवं संचालन हेतु मोबाइल के माध्यम से छात्र एवं विभाग हित में निर्देशित कार्य वर्जित नहीं है।

 

राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!!