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चेक क्लियरिंग सिस्टम पर आरबीआई का बड़ा फैसला, सीटीएस फेज-2 अगले आदेश तक स्थगित

 

चेक के जरिए होने वाले लेन-देन को और अधिक तेज, सुरक्षित और प्रभावी बनाने की दिशा में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लागू किए जा रहे कंटीन्युअस क्लियरिंग एंड सेटलमेंट सिस्टम को लेकर अहम अपडेट सामने आया है। रिजर्व बैंक ने चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के फेज-2 को फिलहाल अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। इस फैसले से प्रदेशभर के बैंकों और लाखों खाताधारकों को नई व्यवस्था के लाभ के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

दरअसल, आरबीआई चेक क्लियरिंग प्रक्रिया को और ज्यादा तेज करने के उद्देश्य से सीटीएस फेज-2 को लागू करने की तैयारी कर रहा था। इस व्यवस्था के तहत दिन में कई बार चेक क्लियरिंग की सुविधा मिलनी थी, जिससे चेक के भुगतान में लगने वाला समय कम हो जाता। लेकिन अब रिजर्व बैंक ने इस योजना को अस्थायी रूप से टालने का निर्णय लिया है।

रिजर्व बैंक की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, कई बैंकों की आंतरिक प्रक्रियाएं और तकनीकी व्यवस्थाएं अभी पूरी तरह तैयार नहीं हैं। ऐसे में सिस्टम को सुचारू रूप से लागू करने के लिए बैंकों को अतिरिक्त समय देने का फैसला किया गया है। आरबीआई ने साफ किया है कि जब तक सभी बैंक आवश्यक तकनीकी और संचालन संबंधी मानकों को पूरा नहीं कर लेते, तब तक सीटीएस फेज-2 को लागू नहीं किया जाएगा।

इस फैसले का सीधा असर चेक से लेन-देन करने वाले खाताधारकों पर पड़ेगा। फिलहाल मौजूदा व्यवस्था के तहत ही चेक क्लियरिंग की प्रक्रिया जारी रहेगी। नए सिस्टम के लागू होने के बाद जहां चेक क्लियरिंग और तेज होने की उम्मीद थी, वहीं अब खाताधारकों को इस सुविधा के लिए और इंतजार करना होगा।

आरबीआई के अनुसार, वर्तमान में अब चेक क्लियरिंग सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक की समय-सीमा में ही की जाएगी। यानी इसी अवधि में प्रस्तुत किए गए चेक ही क्लियरिंग प्रक्रिया में शामिल होंगे। इससे पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि फेज-2 के तहत क्लियरिंग विंडो और अधिक लचीली हो जाएगी।

बैंकिंग विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई का यह फैसला एहतियातन लिया गया कदम है। यदि बिना पूरी तैयारी के नई प्रणाली लागू की जाती, तो तकनीकी खामियों के कारण ग्राहकों को परेशानी हो सकती थी। इसलिए बैंकों को सिस्टम अपग्रेड, स्टाफ ट्रेनिंग और साइबर सुरक्षा जैसे पहलुओं पर मजबूत करने के लिए समय देना जरूरी था।

वहीं, बैंकों के लिए भी यह राहत की बात मानी जा रही है। कई बैंकों ने आंतरिक रूप से आरबीआई को संकेत दिए थे कि उन्हें नई प्रणाली के लिए अपने सॉफ्टवेयर और प्रक्रियाओं में बदलाव करने के लिए और समय चाहिए।

फिलहाल, आरबीआई ने सीटीएस फेज-2 को लेकर कोई नई तारीख घोषित नहीं की है। माना जा रहा है कि सभी बैंकों की तैयारी पूरी होने के बाद ही इस नई व्यवस्था को लागू किया जाएगा। तब तक चेक के जरिए लेन-देन करने वाले ग्राहकों को मौजूदा प्रणाली पर ही निर्भर रहना होगा।