गरीब नवाज के 814वें उर्स पर अजमेर पहुंचे कलंदर-मलंग, वीडियो में देखें हैरतअंगेज करतबों का निकला जुलूस
सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 814वें उर्स के मौके पर अजमेर में रविवार को आस्था और परंपरा का अनोखा नजारा देखने को मिला। देशभर से आए कलंदर और मलंग अजमेर पहुंचे और उन्होंने परंपरागत अंदाज में जुलूस निकालते हुए अपने हैरतअंगेज करतब पेश किए। उर्स के दौरान कलंदरों और मलंगों के इन करतबों को देखकर मौजूद जायरीन और श्रद्धालु आश्चर्यचकित रह गए।
रविवार को निकाले गए इस जुलूस में कलंदर और मलंग पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए। ढोल-नगाड़ों और धार्मिक नारों के बीच निकले जुलूस में कई कलंदरों ने अपनी आस्था और साधना को दर्शाते हुए अद्भुत शारीरिक करतब दिखाए। किसी ने शरीर के विभिन्न हिस्सों से लोहे की छड़ों के साथ प्रदर्शन किया तो किसी ने कठिन साधनाओं का परिचय दिया। इन करतबों को देखने के लिए रास्तों के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए।
आयोजकों के अनुसार, उर्स के अवसर पर पूरे देश से करीब 2 हजार मलंग और कलंदर पहले दिल्ली में एकत्रित हुए थे। इसके बाद सभी ने दिल्ली के महरौली से अजमेर तक करीब 450 किलोमीटर की यात्रा पैदल और विभिन्न माध्यमों से पूरी की। इस लंबी यात्रा को तय करने में उन्हें करीब 18 दिन लगे। यात्रा के दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत किया और भोजन-पानी की व्यवस्था की।
अजमेर पहुंचने के बाद कलंदरों और मलंगों ने ख्वाजा साहब की दरगाह की ओर बढ़ते हुए जुलूस निकाला। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस और प्रशासन की टीमें पूरे मार्ग पर तैनात रहीं, ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो और श्रद्धालुओं की सुरक्षा बनी रहे।
उर्स के दौरान कलंदरों और मलंगों के ये करतब सदियों पुरानी सूफी परंपरा का हिस्सा माने जाते हैं। मान्यता है कि ये साधनाएं श्रद्धा, आत्मसंयम और विश्वास का प्रतीक होती हैं। हालांकि आधुनिक समय में ऐसे करतबों को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिलती हैं, लेकिन उर्स में शामिल जायरीन इसे आस्था और परंपरा से जोड़कर देखते हैं।
गरीब नवाज के उर्स पर हर साल देश-विदेश से लाखों जायरीन अजमेर पहुंचते हैं। कव्वाली, जियारत और विभिन्न धार्मिक आयोजनों के साथ यह उर्स आपसी भाईचारे और इंसानियत का संदेश देता है। रविवार को कलंदरों और मलंगों के जुलूस ने उर्स के रंग को और भी खास बना दिया, जो श्रद्धालुओं के लिए यादगार बन गया।