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2300 किलोमीटर की यात्रा करके मोरेल बांध पहुंचे प्रवासी पक्षी, वीडियो में देखे पूरा लाइव फुटेज

 

जयपुर न्यूज़ डेस्क !!! करीब 5 साल बाद पानी से लबालब हुआ राजस्थान के मोरेल बांध में प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो चुका है। वहीं इस बार करीब 30 हजार प्रवासी पक्षी आने की संभावना है । बता दें कि, प्रतिवर्ष यहां हजारों जलीय और स्थलीय पक्षी प्रवास पर आते है ।

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प्रोफेसर सुभाष पहाड़िया के मुताबिक इस बार पक्षियों के प्रवास में बदलाव आया है. पिछले साल से तुलना की जाए तो पिछली बार सितंबर के आखिरी सप्ताह में प्रवासी पक्षी मोरेल बांध में आए थे, लेकिन इस बार अक्टूबर तक भी बहुत कम जलपक्षी आए हैं। प्रवासन में देरी का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है जिसके कारण मध्य एशिया में तापमान अभी भी अधिक है। तापमान गिरने पर नवंबर से प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो गया है। एशिया का कच्चा बांध मोरेल पूरी तरह से पानी से भर गया है और पिछले 5 वर्षों से यहां बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी भी पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि मध्य एशिया में ज्यादातर प्रवासी पक्षी चीन, मंगोलिया, रूस से आते हैं। पिछले 5 वर्षों से मोरेल बांध को संरक्षण रिजर्व घोषित करने के प्रयास हो रहे हैं, पूर्वी राजस्थान में इस बांध पर प्रवासी पक्षी इतनी बड़ी संख्या में आते हैं, इसलिए इस मोरेल बांध को विकसित करने की बहुत आवश्यकता है।

मोरेल बांध में बारिश के पानी के साथ जयपुर की कई केमिकल फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पानी भी आता है, ऐसे में उन फैक्ट्रियों के केमिकल युक्त पानी पर भी रोक लगाई जानी चाहिए ताकि मोरेल का पानी प्रदूषित न हो और अधिक पक्षी यहां रह सकें .

जिला कलक्टर देवेन्द्र कुमार ने कहा कि मोरेल बांध पर अधिक से अधिक पक्षियों की आवाज सुनाई दे और देश-विदेश के लोगों को यहां के बारे में पता चले, इसके प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोरेल बांध को विकसित करने के लिए जिला प्रशासन ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर एक प्रस्ताव तैयार किया है. हम अधिक से अधिक लोगों को कैसे आकर्षित कर सकते हैं, हमारी स्थानीय अर्थव्यवस्था प्रणाली को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है? हम वहां नौकायन सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए कुल मिलाकर मोरेल बांध को इको टूरिज्म बनाने के लिए प्रस्ताव भी तैयार कर सरकार को भेजा गया था.

 

राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!!