चूरू में खाद्य मिलावट पर बड़ी कार्रवाई, नकली घी बनाने वाली अवैध फैक्ट्री का पर्दाफाश
राजस्थान के चूरू जिले में खाद्य मिलावट के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) की टीम ने बड़ी सफलता हासिल की है। टीम ने गुरुवार देर रात एक अवैध फैक्ट्री पर छापा मारकर नकली घी बनाने के संगठित कारोबार का भंडाफोड़ किया। इस कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में मिलावटी घी, घी निर्माण में इस्तेमाल किए जा रहे खतरनाक केमिकल और पैकिंग सामग्री जब्त की गई है।
प्रशिक्षु आईपीएस एवं एजीटीएफ प्रभारी अभिजीत पाटील ने बताया कि उन्हें लंबे समय से चूरू क्षेत्र में नकली घी की सप्लाई को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। इन सूचनाओं के आधार पर टीम ने गुप्त रूप से निगरानी शुरू की और गुरुवार देर रात कार्रवाई को अंजाम दिया। जब टीम ने मौके पर दबिश दी तो फैक्ट्री में नकली घी तैयार करने का काम चल रहा था।
मौके से बड़ी मात्रा में तैयार मिलावटी घी के डिब्बे बरामद किए गए हैं, जिन्हें बाजार में सप्लाई करने की तैयारी थी। इसके अलावा घी बनाने में इस्तेमाल किए जा रहे केमिकल, वनस्पति तेल, रंग, खुशबू और पैकिंग मशीनें भी जब्त की गई हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इन केमिकल्स का उपयोग स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।
एजीटीएफ प्रभारी अभिजीत पाटील के अनुसार, फैक्ट्री बिना किसी लाइसेंस और अनुमति के संचालित की जा रही थी। नकली घी को नामी ब्रांड और देसी घी के नाम पर पैक कर आसपास के जिलों में सप्लाई किया जा रहा था। इससे आम लोगों की सेहत के साथ गंभीर खिलवाड़ किया जा रहा था।
कार्रवाई के दौरान फैक्ट्री में मौजूद लोगों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि इस नेटवर्क से और कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं और मिलावटी घी किन-किन इलाकों में सप्लाई किया जा रहा था। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को भी मौके पर बुलाया गया है ताकि सैंपल लेकर जांच करवाई जा सके।
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि खाद्य मिलावट के मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस कार्रवाई के बाद चूरू जिले में खाद्य कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे खाद्य पदार्थ खरीदते समय सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या खाद्य सुरक्षा विभाग को दें।