×

IndiGo के ऑपरेशन में सुधार नहीं, फुटेज में जानें 350 फ्लाइट कैंसिल, 3 लाख यात्री हुए परेशान, देशभर में उड़ानें लगातार रद्द

 

देश की शीर्ष एयरलाइन इंडिगो के ऑपरेशन में लगातार पाँचवें दिन शनिवार को भी सुधार नहीं दिखा। देश के कई अहम एयरपोर्ट से आज भी 350 से अधिक उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/IDopAOe2Iwk?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/IDopAOe2Iwk/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

स्थिति फिर बिगड़ी

  • शनिवार को मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद समेत बड़े शहरों के एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़ और हड़बड़ी देखने को मिली। 

  • एयरलाइन की ओर से पुष्टि की गई है कि अब पूरी सेवाएं 10–15 दिसंबर तक पटरी पर आने की उम्मीद है। 

वजह: पायलट और क्रू की पाबंदियों — लेकिन आलोचना भी तेज

इस संकट की मुख्य वजह बताई जा रही है नए नियम Flight Duty Time Limitation (FDTL) का पालन — जिसमें पायलटों और क्रू को तय आराम व ड्यूटी घंटे देने की मजबूरी है।
लेकिन, सरकार और विमानन अधिकारियों का कहना है कि इन नियमों के लागू होने के पहले भी अन्य एयरलाइनों को कोई परेशानी नहीं हुई — इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि “गलती इंडिगो की क्रू प्लानिंग और प्रबंधन में है।” 

सरकार सख्त, यात्रियों को राहत देने के निर्देश

  • Ministry of Civil Aviation (नागरिक उड्डयन मंत्रालय) ने इंडिगो से कहा है कि सभी रद्द-उड़ानों के लिए टिकट की रकम (रिफंड) तत्काल राशि लौटाई जाए। इसके साथ ही, रीशेड्यूलिंग पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। 

  • अतिरिक्त रूप से निर्देश दिए गए हैं कि लंबित लगेज को 48 घंटे के भीतर यात्रियों तक पहुंचाया जाए। 

  • साथ ही, एयरफेयर (हवाई किराया) पर अस्थायी “किराया सीमा” (fare cap) लागू कर दी गई है ताकि अवसरवादियों द्वारा कीमतें न बढ़ाई जा सकें। 

विशेषज्ञों का कहना है: इंडस्ट्री के भरोसे को नुकसान

जहाँ इंडिगो का कहना है कि यह एक “रीसेट” जैसा दौर है और वे जल्द सेवाएं बहाल करेंगे, वहीं विमानन जानकार इसे इंडस्ट्री के लिए हानि और भरोसा जर्जर करने वाला संकट मान रहे हैं।  कई एयरपोर्टों में यात्रियों की शिकायतें, करोड़ों रुपये के बुकिंग रद्द, कामकाज प्रभावित — और क्या होगा इसका जवाब फिलहाल धुंधलका है।