राजस्थान में देश का पहला ड्रोन से बारिश कराने का परीक्षण टला, भीड़ के कारण क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन अधूरा रहा
राजस्थान में मंगलवार, 12 अगस्त को देश के पहले ड्रोन के जरिए कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) कराने का परीक्षण किया जाना था, लेकिन भारी भीड़ और बेकाबू हालात के कारण यह परीक्षण फिर से टल गया। इस खास आयोजन को देखने के लिए यहां भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा, जिसके कारण प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
इस अवसर पर कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी मौके पर मौजूद थे। मंत्री के आगमन और लोगों की भारी संख्या ने माहौल को और भी नियंत्रित करना मुश्किल बना दिया। भारी भीड़ के चलते क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी, जिससे बारिश करवाने की कंपनी जेन एक्स एआई का यह महत्वाकांक्षी प्रयास फिलहाल अधूरा रह गया।
क्लाउड सीडिंग तकनीक के तहत ड्रोन द्वारा बादलों में ऐसे तत्व छोड़े जाते हैं, जो बारिश के कणों को बढ़ावा देते हैं और इस प्रकार बारिश को उत्पन्न करने में मदद मिलती है। इस तकनीक को जल संकट से जूझ रहे राज्यों के लिए वरदान माना जा रहा है, जिससे खेती और जल संरक्षण में मदद मिल सके।
बारिश करवाने वाली कंपनी जेन एक्स एआई ने बताया कि परीक्षण के लिए उन्हें फिर से एक हफ्ते के भीतर संबंधित विभाग से अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही वे क्लाउड सीडिंग के लिए पुनः ड्रोन ऑपरेशन कर सकेंगे। कंपनी ने आश्वासन दिया है कि वे भविष्य में इस तरह की भीड़ और व्यवधान को रोकने के लिए बेहतर प्रबंध करेंगे।
स्थानीय प्रशासन भी इस तकनीकी प्रयास के प्रति उत्साहित है और चाहता है कि राजस्थान में जल संकट को कम करने के लिए ऐसे अभिनव उपाय तेजी से लागू हों। लेकिन साथ ही, भीड़ प्रबंधन और आयोजन की समुचित व्यवस्था पर भी ध्यान देना जरूरी है ताकि आगे आने वाले परीक्षण सफलतापूर्वक हो सकें।
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि यह तकनीक राजस्थान के लिए एक बड़ा कदम है और सरकार इस दिशा में पूरी तरह से समर्थन दे रही है। उन्होंने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए विज्ञान और तकनीक का उपयोग आवश्यक है, और इस तरह के प्रयासों को निरंतर बढ़ावा दिया जाएगा।
कुल मिलाकर, राजस्थान में ड्रोन से बारिश कराने का यह पहला परीक्षण तकनीकी रूप से सफल तो था, लेकिन आयोजन में भीड़ नियंत्रण न होने के कारण पूरा नहीं हो सका। आने वाले दिनों में इसके पुनः सफल संचालन की उम्मीद जताई जा रही है, जो प्रदेश की जल समस्याओं के समाधान में अहम भूमिका निभा सकता है।