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जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, राजनीति जगत में शोक की लहर

 

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का आज निधन हो गया। 79 वर्षीय मलिक ने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मंगलवार दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और अस्पताल के ICU में भर्ती थे। उनके निधन की जानकारी उनके आधिकारिक एक्स (Twitter) हैंडल से एक पोस्ट के माध्यम से दी गई।

सत्यपाल मलिक का निधन उस दिन हुआ जब 6 साल पहले, 2019 में आज ही के दिन केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में मलिक की अहम भूमिका रही थी। उन्होंने उस समय राज्यपाल के तौर पर इस संवेदनशील मुद्दे पर अपनी भूमिका निभाई थी, जिससे उन्हें भारतीय राजनीति में एक विशिष्ट स्थान मिला।

राजनीतिक योगदान और भूमिका
सत्यपाल मलिक का नाम भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण मोड़ों से जुड़ा हुआ है। वे 2018 से 2020 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे और राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त करने वाले ऐतिहासिक फैसले का हिस्सा बने। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें राज्य में सुरक्षा स्थिति और प्रशासनिक सुधारों के लिए कई कदम उठाए गए।

मलिक का राजनीतिक करियर उत्तर प्रदेश से लेकर गोवा और बिहार तक फैला था। वे कई अन्य राज्यों में भी राज्यपाल रहे थे और विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को याद किया जाएगा।

स्वास्थ्य समस्याएं और निधन
सत्यपाल मलिक पिछले कुछ समय से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें किडनी से संबंधित कई समस्याएं थीं, जिनका इलाज लंबे समय से चल रहा था। मंगलवार को उनकी हालत बिगड़ी और उन्होंने अंतिम समय में दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन से पूरे राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

राजनीतिक शोक और श्रद्धांजलि
सत्यपाल मलिक के निधन पर राजनीतिक दलों ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, और अन्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “सत्यपाल मलिक जी के निधन से एक सक्रिय और समर्पित नेता को खो दिया गया है। उनके जीवन और कार्यों से हमें प्रेरणा मिलती रहेगी।