ईडी की बड़ी कार्रवाई, जयपुर में 78 लाख नकद और लग्जरी गाड़ियां जब्त, Rolls Royce व Bentley शामिल
वर्तन निदेशालय (ED) ने जयपुर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए डिबॉक इंडस्ट्री और नेचुरो इंडिया बुल कंपनी पर शिकंजा कसा है। ईडी ने इस छापेमारी में कुल 78 लाख रुपये की नकदी और चार महंगी लग्जरी कारें जब्त की हैं। इन कारों में दुनिया की कुछ सबसे महंगी गाड़ियों में गिनी जाने वाली Rolls Royce, Bentley, Mercedes G-Wagon Brabus और Toyota Land Cruiser शामिल हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक गंभीर मामले में की गई है।
ईडी की यह छापेमारी एक साथ कई ठिकानों पर की गई, जिनमें जयपुर के वैशाली नगर स्थित लोहिया कॉलोनी, टोंक और कोटा शामिल हैं। हालांकि इस पूरे अभियान का मुख्य केंद्र जयपुर में आरोपी मुकेश मनवीर का आवास रहा, जहां से भारी मात्रा में नकदी और कीमती सामान बरामद किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, डिबॉक इंडस्ट्री और नेचुरो इंडिया बुल नामक कंपनियों के माध्यम से अवैध तरीके से निवेशकों से पैसा एकत्र किया जा रहा था। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि इन कंपनियों द्वारा आकर्षक रिटर्न का लालच देकर निवेशकों को लुभाया जाता था और इसके जरिए बड़े पैमाने पर धन शोधन (money laundering) किया गया। ईडी को शक है कि यह पूरा नेटवर्क एक सुनियोजित आर्थिक अपराध का हिस्सा है, जिसमें कई अन्य व्यक्ति और संस्थाएं भी शामिल हो सकती हैं।
ईडी अधिकारियों ने बताया कि जब्त की गई नकदी और वाहनों के अलावा, दस्तावेज़ों और डिजिटल उपकरणों को भी कब्जे में लिया गया है, जिनकी फॉरेंसिक जांच की जाएगी। जांच एजेंसी को उम्मीद है कि इनसे अवैध लेनदेन और मनी ट्रेल से जुड़ी अहम जानकारियां मिल सकती हैं।
गौरतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में ईडी को सख्त कार्रवाई का अधिकार प्राप्त है। प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर, आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो इस कार्रवाई के बाद कुछ और बड़े नामों की जांच भी शुरू हो सकती है जो इस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।
फिलहाल आरोपी मुकेश मनवीर से गहन पूछताछ जारी है। ईडी ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि आगे की जांच में यदि ठोस साक्ष्य मिलते हैं तो गिरफ्तारी और संपत्ति ज़ब्ती की कार्रवाई को और आगे बढ़ाया जाएगा।
यह कार्रवाई एक बार फिर यह दर्शाती है कि केंद्र सरकार की आर्थिक अपराधों के खिलाफ नीति कितनी सख्त है और प्रवर्तन निदेशालय देशभर में कालेधन और धोखाधड़ी मामलों पर पैनी नजर बनाए हुए है।