डूंगरपुर ने स्वच्छता सुपर लीग में बनाई जगह, फुटेज में देखे जयपुर के दोनों नगर निगम की पॉइंट टेबल
स्वच्छ भारत मिशन के तहत जारी स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के परिणामों में राजस्थान के शहरों ने शानदार प्रदर्शन किया है। खासतौर पर डूंगरपुर और जयपुर ने इस बार की रैंकिंग में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
डूंगरपुर शहर ने देशभर में 20 से 50 हजार की आबादी वाले शहरों की कैटेगरी में स्वच्छ सुपर लीग में स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि न केवल नगर परिषद के कार्यों का परिणाम है, बल्कि शहरवासियों की जागरूकता और सहभागिता का भी प्रमाण है। वहीं राज्य की राजधानी जयपुर ने स्वच्छता की दौड़ में लंबी छलांग लगाई है।
जयपुर के दो नगर निगम – ग्रेटर और हेरिटेज, पहली बार टॉप-20 स्वच्छ शहरों की सूची में शामिल हुए हैं। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि इससे पहले जयपुर लगातार पिछड़ता रहा था। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में जयपुर की रैंकिंग 30वें स्थान से भी नीचे रही थी, लेकिन इस बार किए गए व्यापक सुधारों और जनभागीदारी के प्रयासों के चलते दोनों निगमों को देशभर में उच्च स्थान मिला है।
डूंगरपुर की उपलब्धि
डूंगरपुर की इस उपलब्धि के पीछे नगर परिषद का व्यवस्थित कचरा प्रबंधन, घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था और लोगों की भागीदारी है। शहर में सार्वजनिक स्थानों की सफाई, शौचालयों की स्वच्छता, प्लास्टिक कचरे के निष्पादन और कंपोस्टिंग तकनीकों के सफल उपयोग से शहर ने स्वच्छता के उच्च मानकों को प्राप्त किया है।
जयपुर का कायाकल्प
जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज ने पिछले एक साल में स्वच्छता को लेकर बड़े कदम उठाए। इनमें घर-घर से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग संग्रह करना, सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाना, सड़क किनारे डस्टबिन की उपलब्धता सुनिश्चित करना, और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करना शामिल है। इसके साथ ही नागरिकों को जागरूक करने के लिए चलाए गए अभियान जैसे 'स्वच्छ जयपुर – सुंदर जयपुर' को भी खूब समर्थन मिला।
मुख्यमंत्री और स्थानीय निकाय मंत्री ने दी बधाई
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और नगरीय विकास मंत्री ने डूंगरपुर और जयपुर के प्रदर्शन पर संतोष जताया और दोनों नगर निकायों की टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान के अन्य शहरों को भी इनसे प्रेरणा लेकर स्वच्छता के स्तर को सुधारना चाहिए।
आगे की राह
स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 की यह रिपोर्ट राजस्थान के शहरी क्षेत्रों में सफाई को लेकर बढ़ती जागरूकता का संकेत देती है। यदि यही रफ्तार बनी रही, तो आने वाले वर्षों में राज्य के और भी शहर देश के सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में शामिल हो सकते हैं।
इस उपलब्धि ने न केवल राजस्थान का मान बढ़ाया है, बल्कि यह साबित किया है कि योजनाबद्ध प्रयास और जनसहयोग से स्वच्छता का सपना साकार किया जा सकता है।