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पंजाब में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में CISF तैनाती पर विवाद, एक्सक्लूसिव फुटेज में जाने राज्य सरकार पर खड़े जिए सवाल 

 

पंजाब में भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच एक बड़ा विवाद उठ खड़ा हुआ है। केंद्र सरकार ने इस बोर्ड में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तैनाती की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके बाद पंजाब सरकार ने इसका विरोध किया है।

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सूत्रों के अनुसार, CISF की एक टीम 11 और 12 अगस्त को नंगल स्थित भाखड़ा ब्यास परियोजना का दौरा करेगी। इस दौरे का नेतृत्व IG स्तर के अधिकारी करेंगे, और इस दौरान सुरक्षा के लिए बनाए गए आवासों का निरीक्षण किया जाएगा। केंद्र सरकार का कहना है कि इस परियोजना की सुरक्षा के लिए CISF की तैनाती जरूरी है, जबकि पंजाब सरकार ने इसे एक अनावश्यक कदम बताया है।

पंजाब सरकार ने इस तैनाती का विरोध करते हुए यह सवाल उठाया है कि जब पंजाब पुलिस वर्षों से इस परियोजना की सुरक्षा प्रदान कर रही है, तो फिर CISF की तैनाती की आवश्यकता क्यों पड़ी? राज्य सरकार ने इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि केंद्र पानी की चोरी कर हरियाणा को देने की कोशिश कर रहा है। पंजाब का कहना है कि भाखड़ा ब्यास परियोजना का पानी पूरे पंजाब के लिए महत्वपूर्ण है, और इस तरह की तैनाती के पीछे उनका उद्देश्य पानी की आपूर्ति में हस्तक्षेप करना हो सकता है।

यह विवाद तब और गहरा गया जब पंजाब सरकार ने यह दावा किया कि इस परियोजना में पंजाब, हिमाचल, हरियाणा और राजस्थान हिस्सेदार हैं। हालांकि, पंजाब इस परियोजना का प्रमुख भागीदार है और परियोजना का 60 प्रतिशत खर्च राज्य खुद उठाता है, जबकि बाकी खर्च तीन अन्य राज्य उठाते हैं। ऐसे में पंजाब सरकार का कहना है कि वह इस परियोजना के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं।

केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच इस मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस विवाद के राजनीतिक और प्रशासनिक पहलू भी हैं, क्योंकि यह मामला केवल सुरक्षा से जुड़ा नहीं है, बल्कि राज्यों के बीच जल विवादों और संसाधनों के वितरण को लेकर भी संवेदनशील हो सकता है।

इस बीच, यह भी देखा जा रहा है कि केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच भाखड़ा ब्यास परियोजना को लेकर भविष्य में और भी विवाद हो सकते हैं, विशेष रूप से जल वितरण और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर। अब यह देखना होगा कि इस मुद्दे का हल किस तरह से निकाला जाता है और क्या राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच समझौता संभव हो पाता है।