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चितौड़गढ़, जिले में डेंगू बना चुनौती, ओपीडी में आने वाले 50 प्रतिशत मरीज डेंगू के, ओपीडी की संख्या में भी हो रही बढ़ोतरी

 

राजस्थान न्यूज डेस्क, कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। हालांकि अभी तक कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पूरी तरह से थम गई है। लेकिन फिर से स्वास्थ्य विभाग की परेशानियां बढ़ गई है डेंगू के मरीज मिलने से।वायरल के मरीजों से  प्राइवेट डॉक्टरों की  ओपीडी मरीजों से भरी हुई है।मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी जिला अस्पताल में देखी जा सकती है।  मौसमी बीमारियों व डेंगू बुखार की शुरूआत होने के बाद से दोनों बीमारियों में तेजी का अनुमान लगाया जा रहा है। मरीजों को प्राइवेट लैब जांच करवाने जाना पड़ रहा है क्योंकि जिला अस्पताल को छोड़कर बाकी किसी भी सीएचसी लेवल पर जांच की व्यवस्था नहीं है।हथेली को सैनिटाइज करने से डेंगू व कोरोना से लोग सुरक्षित रह सकते हैं ये ही हर डॉक्टर की हिदायत है।

निजी लैब में जाकर 600 रुपए में करवा रहे है जांच

बुखार का प्रकोप जिले के कई क्षेत्रों में बढ़ता जा रहा है।सीएचसी पर डेंगू जांच की व्यवस्था चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं की गई।जिलेवासियों के लिए  डेंगू बुखार सिरदर्द बनता जा रहा है। जो लोग जिला हॉस्पिटल आ सकते हैं वे आकर अपनी जांच करवा लेते हैं। बाकि के लोगों को प्राइवेट लेबों में जाकर जांचे करवानी पड़ती है। 600 रुपए अदा करने के बाद ही निजी लैब में जांच होती है वही  सरकारी हॉस्पिटल में यह जांच निशुल्क है।

लैब इंचार्ज ने कहा यह जिम्मेदारी मेरी नहीं

डेंगू के पॉजिटिव केस पिछले कई दिनों से  आ रहे हैं। साथ ही  मलेरिया और मौसमी बीमारी के भी केस आए हैं।   वहीं, लैब इंचार्ज अनिल सैनी खुद इंचार्ज होकर इस बात से मुकर गए कि उनके पास लैब का कार्य कोई और देखता है। उनके पास रिकॉर्ड नहीं है। जिम्मेदार खुद जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार नहीं है।

यह है आंकड़े

28 अगस्त को 1633

29 अगस्त को 1047

30 अगस्त 1340

31 अगस्त 1723

1 सितंबर 1706

2 सितंबर 1581

3 सितंबर 1838

4 सितंबर 1654

5 सितम्बर 1075

6 सितंबर 2201

7 सितंबर 1982

8 सितंबर 1577

9 सितम्बर 1203

10 सितम्बर 1255

11 सितम्बर 1472

12 सितम्बर 1481

13 सितम्बर 1091