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भजनलाल सरकार का बडा ऐलान, अब हर साल स्कूलों में 28 फरवरी को मनाया जाएगा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का राज्यारोहण दिवस

 

राजस्थान में अब वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के राज्यारोहण दिवस को हर साल 28 फरवरी को राज्य स्तर पर मनाया जाएगा। यह ऐतिहासिक घोषणा राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव के समापन समारोह के दौरान की गई। समारोह में राज्य के शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने यह घोषणा कर दी।

मंत्री मदन दिलावर ने समारोह में कहा कि महाराणा प्रताप राजस्थान और भारत के इतिहास में अद्वितीय वीरता और शौर्य का प्रतीक हैं। उनके राज्यारोहण दिवस को राज्य स्तर पर मनाने से युवाओं में देशभक्ति और वीरता की भावना को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि महाराणा प्रताप के जीवन और उनके संघर्ष की कहानियों को स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाना आवश्यक है ताकि आने वाली पीढ़ी उनके साहस और आदर्शों से प्रेरित हो सके।

चित्तौड़गढ़ में आयोजित राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव का समापन समारोह भी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का था। समारोह में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने भाग लिया। इस अवसर पर मंत्री ने जनता और विद्यार्थियों से अपील की कि वे महाराणा प्रताप की वीरता और बलिदान को याद रखें और उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के राज्यारोहण दिवस समारोह युवाओं और समाज को इतिहास से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। महाराणा प्रताप जैसे इतिहासिक व्यक्तित्व की उपलब्धियों और उनके संघर्षों को याद कर युवा पीढ़ी में साहस, निष्ठा और देशभक्ति की भावना जागृत होती है।

राज्य सरकार के इस निर्णय से चित्तौड़गढ़ और पूरे राजस्थान में हर वर्ष 28 फरवरी को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्कूल, कॉलेज और सांस्कृतिक संस्थानों में विशेष कार्यक्रम, व्याख्यान, नाटक और चित्रकला प्रतियोगिताओं के माध्यम से महाराणा प्रताप के जीवन और उनके योगदान को उजागर किया जाएगा।

स्थानीय लोगों और इतिहास प्रेमियों ने इस घोषणा का स्वागत किया है। उनका कहना है कि महाराणा प्रताप के आदर्श और उनके संघर्ष का सम्मान करने के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, यह निर्णय राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और युवाओं को प्रेरित करने में भी मदद करेगा।

मंत्री मदन दिलावर ने यह भी कहा कि राज्य स्तर पर आयोजित राज्यारोहण दिवस के माध्यम से लोगों में महाराणा प्रताप के साहस और उनके द्वारा दिखाए गए न्याय और स्वतंत्रता के मूल्य को समझने का अवसर मिलेगा।