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पूनमनगर गांव के दर्दनाक स्कूल हादसे के बाद जिला प्रशासन ने लिया कड़ा कदम, सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 29 से 31 जुलाई तक अवकाश घोषित

 

जिले के पूनमनगर गांव में सोमवार को हुए दर्दनाक स्कूल हादसे ने प्रशासन और लोगों को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे के बाद जिला प्रशासन ने विद्यार्थियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तत्काल कार्रवाई करते हुए एक बड़ा निर्णय लिया है।

जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने जिले के समस्त सरकारी व निजी स्कूलों के साथ-साथ सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में 29 से 31 जुलाई तक विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषित कर दिया है। यह कदम बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संबंधित संस्थानों के भवनों की विस्तृत एवं सघन जांच करवाने के लिए उठाया गया है।

सुरक्षा को प्राथमिकता:
जिला प्रशासन का यह फैसला बच्चों की जान-माल की सुरक्षा को लेकर अत्यंत गंभीरता का परिचायक है। स्कूलों और आंगनबाड़ियों के भवनों की जांच कर उनके ढांचे की मजबूती सुनिश्चित करना अब प्रशासन की पहली प्राथमिकता बन गई है ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे दोबारा न हों।

हादसे की जांच और सुधार:
इस दौरान संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों की पूरी तरह जांच करें और जहां कहीं भी कमी या खतरा हो, उसे तुरंत दूर करें। साथ ही, भवनों के निर्माण और रखरखाव में जरूरी सुधार कार्य भी तत्काल शुरू करवाए जाएंगे।

शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव:
तीन दिन के इस अवकाश से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है, लेकिन प्रशासन ने इसे आवश्यक माना है ताकि बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। शिक्षा विभाग ने कहा है कि पढ़ाई का नुकसान न हो इसके लिए जल्द ही पुनः व्यवस्था की जाएगी।

परिवारों और जनता की प्रतिक्रिया:
पूनमनगर हादसे के बाद बच्चों के माता-पिता और ग्रामीण काफी चिंतित हैं। प्रशासन का यह कदम उनके लिए राहत देने वाला साबित होगा। लोगों ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।

आगे की कार्रवाई:
जिला प्रशासन ने साफ किया है कि भवनों की जांच पूरी होने के बाद ही स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र पुनः सामान्य रूप से खुलेंगे। साथ ही, भवनों की सुरक्षा और नियमित निरीक्षण के लिए एक समर्पित टीम भी गठित की जाएगी, जो भविष्य में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तत्पर रहेगी।