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घूघरा गांव में कांवड़ यात्रा का भव्य स्वागत, हरिद्वार से लाए गए गंगाजल से होगा भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक

 

सावन के पहले सोमवार पर अजमेर जिले के घूघरा गांव में भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब नाका मदार क्षेत्र से निकली कांवड़ यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं का यह जत्था एक जुलाई को हरिद्वार से रवाना हुआ था, जो आज करीब 60 लीटर गंगाजल लेकर अजमेर पहुंचा।

कांवड़ यात्रा जैसे ही घूघरा गांव पहुंची, वहां के स्थानीय लोगों और भक्तों ने फूलों की वर्षा, ढोल-नगाड़ों और जयकारों के साथ श्रद्धालुओं का स्वागत किया। रास्ते भर भक्त ‘बोल बम’ और ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष करते नजर आए। पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बन गया।

श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्होंने हरिद्वार से गंगाजल लेकर पैदल यात्रा की, और अब सावन के पहले सोमवार को इसी पवित्र जल से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे। जलाभिषेक के लिए विशेष रूप से मंदिरों को सजाया गया है और पूरे क्षेत्र में शिवभक्ति की छटा बिखरी हुई है।

इस मौके पर स्थानीय मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, रुद्राभिषेक और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं की सेवा में कई स्थानों पर जल, शरबत और फलाहार के स्टॉल भी लगाए गए थे। कई सामाजिक संगठनों ने कांवड़ियों के स्वागत में भाग लिया और उन्हें प्रसाद व भोजन वितरित किया।

कांवड़ यात्रा के संयोजकों ने बताया कि यह यात्रा केवल धार्मिक भावना ही नहीं बल्कि सामाजिक एकता और सेवा का भी प्रतीक है। हरिद्वार से लेकर अजमेर तक की यात्रा में लोगों ने भरपूर सहयोग और समर्थन दिया। रास्ते भर जगह-जगह रुककर शिवभक्तों ने जलपान किया और विश्राम के बाद फिर आगे बढ़े।

स्थानीय प्रशासन ने भी कांवड़ यात्रा की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए उचित प्रबंध किए थे। पुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती से यात्रा शांतिपूर्वक संपन्न हुई।

आज शाम को शिव मंदिरों में गंगाजल से भगवान शंकर का विधिवत जलाभिषेक किया जाएगा और भक्ति गीतों के साथ रात्रि जागरण का आयोजन भी किया जाएगा। सावन का पहला सोमवार शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है और इस दिन किया गया जलाभिषेक अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।

इस भव्य आयोजन ने ना सिर्फ श्रद्धालुओं को अध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर किया, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत को भी मजबूती प्रदान की है।

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