जयपुर में 252 साल पुराने वायु परीक्षण से भविष्यवाणी: इस बार राजस्थान समेत देशभर में अच्छी बारिश के संकेत
राजस्थान की राजधानी जयपुर में गुरुवार को एक 252 साल पुरानी परंपरा के तहत किए गए "वायु परीक्षण" में इस वर्ष अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की गई है। यह परीक्षण रियासतकाल से हर वर्ष सावन से पहले किया जाता रहा है।
विशेष बात यह रही कि इस बार टेस्ट के समय भी बारिश हुई, जिसे बहुत शुभ संकेत माना गया है। जानकारों के मुताबिक, यह दर्शाता है कि पूरा संवत अच्छा रहेगा, न सिर्फ राजस्थान बल्कि देशभर में मानसून संतुलित और लाभकारी रहेगा।
क्या है 252 साल पुराना "वायु परीक्षण"?
-
वायु परीक्षण एक पारंपरिक विधि है जो प्राकृतिक संकेतों और मौसम के व्यवहार पर आधारित होती है।
-
यह परीक्षण जयपुर के इर्द-गिर्द 100 किमी क्षेत्र में विशेष रूप से किया जाता है।
-
इस प्रक्रिया में हवा की दिशा, गति, बादलों की स्थिति, वर्षा की बूंदों का समय, और मौसम की गूंज जैसे कारकों का विश्लेषण किया जाता है।
-
इस बार वायु परीक्षण के दौरान तेज हवा और रिमझिम बारिश का होना सकारात्मक संकेत माना गया।
विशेषज्ञों की राय
पारंपरिक मौसम विशेषज्ञों और इस परंपरा को निभाने वाले परिवारों के अनुसार,
“यदि वायु परीक्षण के समय बारिश होती है, तो न केवल सावन बल्कि पूरा संवत अच्छा और संपन्न रहता है। इससे कृषि उत्पादन बेहतर होता है और प्राकृतिक आपदाएं भी कम होती हैं।”
जयपुर और आस-पास के इलाकों में अच्छी बारिश के संकेत
परीक्षण में यह भी स्पष्ट हुआ कि जयपुर के आसपास 100 किमी के दायरे में इस बार मानसून की पकड़ मजबूत रहेगी।
इसमें अलवर, दौसा, टोंक, सीकर, और अजमेर जैसे इलाके भी शामिल हैं।
पारंपरिक विश्वास बनाम आधुनिक विज्ञान
हालांकि यह परीक्षण वैज्ञानिक तौर पर मान्य नहीं है, लेकिन स्थानीय किसानों और ग्रामीणों में इसका विश्वास बहुत गहरा है।
हर साल इसी के आधार पर किसान अपने खेतों की बुवाई की योजना बनाते हैं।