पंजाब के पूर्व आईजी अमर सिंह चहल ने खुद को मारी गोली, एक्सक्लुसीव फुटेज में देखें सुसाइड नोट मिला, 8.10 करोड़ के ऑनलाइन फ्रॉड का जिक्र
पंजाब के पटियाला से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां पंजाब पुलिस के पूर्व इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IGP) अमर सिंह चहल ने अपने घर में खुद को गोली मार ली। यह घटना शहर में उस समय हड़कंप मचा गई जब जानकारी मिली कि उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मी के रिवॉल्वर से पेट में गोली मारी है। गोली लगते ही वह गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसके बाद उन्हें तुरंत पटियाला के पार्क अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उनकी हालत नाजुक बनी हुई है और डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस को घटनास्थल से एक 12 पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। सुसाइड नोट में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमर सिंह चहल ने एक बड़े ऑनलाइन फ्रॉड का जिक्र किया है, जिसकी राशि करीब 8 करोड़ 10 लाख रुपए बताई जा रही है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सुसाइड नोट में चहल ने लिखा है कि वह ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो गए थे, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि इस फ्रॉड के बाद उन्होंने कुछ लोगों से पैसे उधार लिए थे, लेकिन आर्थिक दबाव लगातार बढ़ता चला गया। इसी मानसिक तनाव के चलते उन्होंने यह कदम उठाया।
सुसाइड नोट में अमर सिंह चहल ने अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा है कि उनके परिवार को किसी भी तरह की परेशानी या खतरे से बचाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। चहल ने सुसाइड नोट में आग्रह किया है कि मामले की जांच एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) या सीबीआई से करवाई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके।
बताया जा रहा है कि अमर सिंह चहल पंजाब पुलिस के एक सीनियर और सम्मानित अधिकारी रहे हैं। उनके इस कदम से पुलिस महकमे में भी गहरा सदमा है। कई अधिकारी और परिचित अस्पताल पहुंचकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं।
फिलहाल पुलिस सुसाइड नोट की सत्यता और उसमें किए गए दावों की गहन जांच कर रही है। साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ऑनलाइन फ्रॉड किन लोगों ने किया और इसमें कौन-कौन शामिल हो सकता है। पुलिस ने कहा है कि मामले की हर पहलू से जांच की जाएगी और कानून के अनुसार कार्रवाई होगी।
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि ऑनलाइन फ्रॉड किस तरह लोगों को मानसिक और आर्थिक रूप से तोड़ सकता है, चाहे वह कितना ही बड़ा और जिम्मेदार पद पर क्यों न हो। पुलिस और प्रशासन अब इस मामले में आगे की कार्रवाई और जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।