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दिल्ली के बाद अब पंजाब की भगवंत मान सरकार में होने वाली है बढ़ी उठा पटक, वियज नायर के दो लोग हटाए, जानें पूरा मामला

 

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद अब पंजाब ही एकमात्र ऐसा सूबा है, जहां उसकी सरकार सत्ता में है। पंजाब में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं और यहां कांग्रेस दूसरे नंबर की पार्टी है और काफी मजबूत है। ऐसे में आम आदमी पार्टी किसी भी कीमत पर पंजाब की सत्ता नहीं जाने देना चाहती। ऐसा होने पर किसी भी राज्य की सरकार उसके हाथ में नहीं रहेगी और फिर अस्तित्व की लड़ाई की स्थिति पैदा हो जाएगी। इसी के चलते सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल के करीबी विजय नायर यहां पर डटे हुए हैं।

भले ही ये नेता पंजाब में पार्टी को मजबूत करने के नाम पर वहां डटे हुए हैं, लेकिन वहां पर पंजाब और दिल्ली के बीच संघर्ष भी शुरू हो गया है। इस अंदरूनी कलह के चलते राजनीतिक विपक्ष भी आम आदमी पार्टी पर हमलावर है। चंडीगढ़ के सेक्टर 39ए में विधायकों और मंत्रियों के आवास हैं। सत्येंद्र जैन इन्हीं में से एक बंगला नंबर 926 में रह रहे हैं। इसके अलावा बंगला नंबर 960 को मनीष सिसोदिया के आवास में तब्दील कर दिया गया है। इस बंगले की नेमप्लेट मंत्री रवजोत सिंह के नाम पर है, लेकिन मनीष सिसोदिया अपने दल-बल के साथ यहां रह रहे हैं। फिलहाल इस बंगले में मरम्मत का काम चल रहा है।

दिल्ली के नेता क्यों कर रहे हैं टेकओवर? पार्टी में सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में भी अंदरूनी तौर पर चर्चा चल रही है कि दिल्ली के नेता क्यों टेकओवर कर रहे हैं। इसके चलते पंजाब में अंदरूनी कलह की स्थिति भी है। करीब 2 साल बाद पंजाब में चुनाव हैं और उससे पहले ही दिल्ली की टीम की हठधर्मिता उसे असहज कर रही है। लुधियाना वेस्ट सीट पर भले ही आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल कर ली हो, लेकिन इसका श्रेय दिल्ली की टीम ले रही है। स्थिति यह है कि प्रभारी के नाम से जाने जाने वाले मनीष सिसोदिया ने वहां शिक्षा और वित्त मंत्रालय की कमान संभाल ली है। इसके अलावा स्वास्थ्य और समाज कल्याण मंत्रालय का जिम्मा सत्येंद्र जैन के पास है।

विजय नायर के दो लोगों को हटाया गया, तनाव कैसे बढ़ गया है, क्योंकि एक और पावर सेंटर विजय नायर बन गए हैं। वह अरविंद केजरीवाल के करीबी हैं और फिलहाल पंजाब में सोशल मीडिया संभाल रहे हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक लुधियाना वेस्ट उपचुनाव के दौरान नायर ने सीएम भगवंत मान की टीम के 8 सदस्यों से इस्तीफा दे दिया था। इसके कुछ दिन बाद पंजाब नेतृत्व ने विजय नायर की टीम के दो सदस्यों को पार्टी से निकाल दिया। पंजाब के नेताओं का कहना है कि हर चीज दिल्ली से चलाने की जरूरत नहीं है। इस मुद्दे पर विपक्ष भी हमलावर है। कांग्रेस और बीजेपी ने इस मुद्दे को पंजाबियत पर हमले के तौर पर पेश किया है।