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Jagannath Rath Yatra 2023: कल से शुरू हो रही है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, जानें क्या है मान्यता

 

ओडिशा न्यूज डेस्क !! ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर भारत के चार धामों में से एक है। यहां हर साल भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ विराजमान हैं, जिन्हें भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है। जगन्नाथ का अर्थ है 'विश्व के नाथ'। यह रथ यात्रा हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू होती है और शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को भगवान जगन्नाथ की वापसी के साथ समाप्त होती है। इस रथ यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इस रथ यात्रा में शामिल होने के लिए देश भर से लोग आते हैं।

मान्यता है कि रथ यात्रा में भाग लेने से व्यक्ति के जीवन से सभी संकट दूर होते हैं और उसके जीवन में खुशियां आती हैं। तो ऐसे में आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा कब शुरू होती है इसका क्या महत्व है।

जानिए कब निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

इस वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 19 जून को पूर्वाहन 11 बजकर 25 मिनट से प्रारंभ हो रही है. यह तिथि 20 जून को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी। अब उदया तिथि को देखते हुए 20 जून, मंगलवार को जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकाली जाएगी.

जानिए क्यों आयोजित की जाती है जगन्नाथ रथ यात्रा?

हर वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और छोटी बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। इस दिन उन्हें तीन अलग-अलग रथों पर ले जाया जाता है। इसके बाद तीनों को रथयात्रा के जरिए उनकी मौसी के घर यानी गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस रथ यात्रा में भाग लेते हैं और जगन्नाथ जी के रथ को खींचते हैं, उन्हें 100 यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है। जो लोग इस यात्रा में शामिल होते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही भक्तों को शिवलोक भी मिलता है।