मणिपुर में भाजपा विधायकों ने सरकार बनाने का दावा किया, वीडियो में जानें गवर्नर के पास पहुंचे 44 MLA के समर्थन का दावा
मणिपुर की राजनीति में एक बार फिर बड़ा मोड़ सामने आया है। बुधवार को राज्य की सत्ता के समीकरण बदलते नजर आए, जब 10 विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस प्रतिनिधिमंडल में 8 विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हैं, जबकि 1-1 विधायक नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और एक स्वतंत्र (निर्दलीय) विधायक शामिल हैं।
इन विधायकों का दावा है कि उन्हें कुल 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जो कि बहुमत के लिए आवश्यक आंकड़े 31 से कहीं अधिक है। मणिपुर विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं, और सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को कम से कम 31 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होती है।
विधायकों का दावा और रणनीति
राज्यपाल से मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मीडिया को बताया कि मणिपुर में मौजूदा सरकार जनसमस्याओं को सुलझाने में विफल रही है और प्रदेश में लगातार प्रशासनिक अस्थिरता बनी हुई है। ऐसे में, उन्होंने स्थायी और मजबूत नेतृत्व देने के लिए नए नेतृत्व के गठन की आवश्यकता जताई। उनका कहना है कि उनके पास बहुमत से कहीं अधिक समर्थन है और वे एक स्थिर सरकार देने में सक्षम हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह नया समीकरण भाजपा के अंदर ही असंतोष का परिणाम हो सकता है, जिसमें मौजूदा मुख्यमंत्री के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, अभी तक इस पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
राज्यपाल की भूमिका
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने विधायकों से प्राप्त ज्ञापन की पुष्टि की है और कहा है कि वह संविधान सम्मत तरीके से सभी पहलुओं की जांच करने के बाद उचित निर्णय लेंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि जरूरत पड़ने पर वे सभी संबंधित दलों से बातचीत करेंगे और संभवतः सदन में बहुमत परीक्षण का रास्ता भी अपनाया जा सकता है।
मौजूदा राजनीतिक स्थिति
मणिपुर में पिछले कुछ समय से लगातार राजनीतिक अस्थिरता देखी जा रही है। सामाजिक और जातीय तनावों के बीच सरकार पर काबू पाने की चुनौतियां बढ़ती जा रही थीं। ऐसे में यह नया दावा राज्य की राजनीति को और गर्मा सकता है।