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महिला अधिकारी ने पति पर लगाया खुफिया कैमरे से जासूसी और शारीरिक-मानसिक प्रताड़ना का आरोप, पुलिस जांच में जुटी

 

महाराष्ट्र से एक बेहद चौंकाने वाला और गंभीर मामला सामने आया है, जिसने सरकारी दफ्तरों के भीतर की पारिवारिक और निजी जिंदगी के अंधेरे पक्ष को उजागर कर दिया है। एक महिला अधिकारी ने अपने ही पति पर बेडरूम और बाथरूम में खुफिया कैमरे लगाकर निजी पलों की रिकॉर्डिंग करने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने यह भी दावा किया है कि उसे लंबे समय से मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था।

महिला अधिकारी का आरोप

पीड़िता, जो खुद एक जिम्मेदार सरकारी अधिकारी है, ने शिकायत में कहा है कि उसका पति — जो स्वयं भी एक सरकारी कर्मचारी है — ने उनके निजी पलों की निगरानी करने के लिए बेडरूम और बाथरूम में गुप्त कैमरे लगाए थे। महिला का कहना है कि जब उसने इस बारे में पति से सवाल किया तो उसे धमकाया गया और मारपीट की गई।

महिला अधिकारी ने पुलिस को बताया कि उसके पति का व्यवहार लंबे समय से संदेहास्पद था और वह उस पर नियंत्रण रखने के लिए कई बार हिंसा और मानसिक दबाव का सहारा लेता रहा है।

पुलिस ने शुरू की जांच

महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए साइबर सेल की मदद भी ली जा रही है ताकि कैमरे की रिकॉर्डिंग, डेटा और तकनीकी साक्ष्यों की जांच की जा सके।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि “हमने महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। घर की तलाशी ली जा रही है और तकनीकी टीम को खुफिया कैमरों की मौजूदगी और उसमें रिकॉर्ड हुए किसी भी डेटा की जांच करने के लिए बुलाया गया है।”

समाज में बढ़ती निजता भंग की घटनाएं

यह मामला सिर्फ एक वैवाहिक विवाद नहीं बल्कि व्यक्तिगत निजता के उल्लंघन से जुड़ा गंभीर अपराध है। यह सवाल खड़ा करता है कि क्या घर जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली जगहों में भी अब लोग खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं?

महिला आयोग और मानवाधिकार संस्थाएं सतर्क

घटना सामने आने के बाद महिला आयोग और कई सामाजिक संगठनों ने मामले को गंभीरता से लिया है और जल्द कार्रवाई की मांग की है। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा है कि ऐसे मामलों में पीड़िता को सुरक्षा और कानूनी मदद मिलनी चाहिए ताकि वह खुलकर न्याय की मांग कर सके।