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गद्दार किसे बोल रहे हो, बाहर मिल तुझे… विधान परिषद में ठाकरे और शिंदे सेना के विधायकों में भिड़ंत

 

शिवसेना (यूबीटी) के विधान परिषद सदस्य अनिल द्वारा महाराष्ट्र के मंत्री शंभूराज देसाई को 'देशद्रोही' कहे जाने पर आज विधान परिषद में काफी देर तक तीखी बहस हुई। यह झड़प मुंबई और उसके आसपास के मराठी भाषी लोगों को आवास की कानूनी सुरक्षा प्रदान करने पर चल रही बहस के दौरान हुई। देसाई ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि मराठी लोगों के लिए आवास सुनिश्चित करने हेतु कानूनी प्रावधानों पर चर्चा चल रही थी। भाजपा विधान पार्षद चित्रा वाघ ने पूछा कि क्या महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने ऐसा कोई कानूनी प्रावधान किया है। मैंने जवाब दिया कि उस सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है।

अनिल परब पर धमकी देने का आरोप

देसाई के अनुसार, अनिल परब उनके जवाब से नाराज़ हो गए। देसाई ने कहा कि मैंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार का ज़िक्र किया, जिसका मैं पहले हिस्सा था। परब ने इस ओर इशारा किया और मुझे 'देशद्रोही' कहा। मैंने भी उसी भाषा में जवाब दिया और हम दोनों के बीच तीखी बहस हुई।

उन्होंने आगे कहा कि परब ने मुझे धमकी भी दी कि वह सदन के बाहर मुझसे निपट लेंगे। मैंने चुनौती स्वीकार कर ली और उनसे कहा कि मैं बाहर उनका सामना करने के लिए तैयार हूँ। उन्होंने बताया कि इसके बाद विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे ने सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी और अपने केबिन में दोनों विधायकों के साथ इस मामले पर चर्चा की। देसाई के अनुसार, उपसभापति ने कहा कि वह इन टिप्पणियों को आधिकारिक रिकॉर्ड से हटा देंगी। इसके बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई।