राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच नहीं बनी बात, आखिरकार मिल ही गया जवाब!
महाराष्ट्र में ठाकरे बंधुओं ने मराठी भाषा पर एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया और उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ मंच पर नज़र आए। इसके बाद, शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के बीच गठबंधन की अटकलें लगाई जाने लगीं। राज ठाकरे ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जो शब्द उन्होंने नहीं कहे, उन्हें मीडिया के एक वर्ग ने उनके नाम पर गलत तरीके से प्रचारित किया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें ऐसा कुछ करना ही था, तो वे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसकी घोषणा करते।
राज ठाकरे ने क्या कहा?
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, "जब पत्रकारों से मेरी अनौपचारिक बातचीत हुई, तो मुझसे 5 जुलाई को मुंबई में आयोजित विजयोत्सव रैली के बारे में पूछा गया। मैंने कहा कि यह आयोजन मराठी लोगों की जीत का जश्न मनाने के लिए था और यह राजनीतिक नहीं था। फिर उन्होंने पूछा कि आप (शिवसेना-मनसे) गठबंधन के बारे में क्या कहना चाहेंगे? इस पर मैंने कहा, क्या मुझे अभी आपसे गठबंधन पर चर्चा करनी चाहिए?"
राज ठाकरे ने गठबंधन के बारे में क्या कहा?
मनसे प्रमुख ने आगे कहा, "जो शब्द मैंने नहीं कहे, वे मेरे मुँह में ठूँस दिए गए। दावा किया गया कि नगर निगम चुनाव से पहले स्थिति का आकलन करने के बाद गठबंधन पर फैसला लिया जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि अनौपचारिक बातचीत अनौपचारिक ही रहनी चाहिए। राज ठाकरे ने यह भी कहा कि वह भी 1984 से पत्रकारिता से जुड़े हैं और कुछ पत्रकारों का व्यवहार उन्हें शोभा नहीं देता।
दरअसल, सोमवार को इगतपुरी में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में राज ठाकरे ने कथित तौर पर कहा कि 5 जुलाई को मनसे और शिवसेना (यूबीटी) की संयुक्त विजय रैली केवल मराठी मुद्दों पर थी और इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मनसे चुनावों पर अंतिम फैसला नगर निगम चुनावों की घोषणा के बाद लिया जाएगा। वहीं, 5 जुलाई की रैली में उद्धव ठाकरे ने संकेत देते हुए कहा, "हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं। हम साथ मिलकर मुंबई नगर निगम और महाराष्ट्र में सत्ता हासिल करेंगे।"