थप्पड़ कांड’ की सियासी तपिश ठाणे तक पहुंची! भाषा विवाद पर विरोध रैली में उतरे MNS कार्यकर्ता, पुलिस ने किया डिटेन
मुंबई में हुए 'थप्पड़ कांड' की गूंज ने महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मचा दिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना इस मुद्दे पर लगातार सरकार पर हमला बोल रही है। इस मुद्दे पर अब मनसे कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कई कार्यकर्ताओं को ठाणे के मीरा रोड पर उस समय हिरासत में लिया गया, जब वे मुंबई में हुए 'थप्पड़ कांड' के खिलाफ मार्च निकाल रहे थे। इस घटना में मनसे कार्यकर्ताओं ने मराठी न बोलने पर एक फूड स्टॉल मालिक पर हमला कर दिया।
पुलिस ने विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी
जब मनसे कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे तो नाटकीय दृश्य सामने आए और पुलिस ने उन्हें पकड़कर पुलिस वैन में डाल दिया। दरअसल, पुलिस ने आज के विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। लेकिन फिर भी मनसे कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। हिरासत में लिए जाने के दौरान कई मनसे कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाया कि व्यापारियों को 'थप्पड़' कांड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति क्यों दी गई? उनमें से कई ने कहा कि महाराष्ट्र में रहने वाले सभी लोगों को मराठी सीखनी चाहिए और धमकी दी कि ऐसा न करने वालों को "परिणाम भुगतने
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थप्पड़ कांड’ की सियासी तपिश ठाणे तक पहुंची! भाषा विवाद पर विरोध रैली में उतरे MNS कार्यकर्ता, पुलिस ने किया डिटेन
होंगे"।
वह मराठी में बात नहीं करता था!
भाषा विवाद के केंद्र में रविवार देर रात एक दुकानदार पर हमला है। मीरा रोड में 'जोधपुर स्वीट शॉप' चलाने वाले 48 वर्षीय बाबूलाल चौधरी को मनसे के सात कार्यकर्ताओं ने थप्पड़ मारे और धमकाया। उनका सिर्फ़ इतना 'कसूर' था कि उनके कर्मचारी बाघराम ने उनसे हिंदी में बात की थी। मनसे कार्यकर्ताओं ने मांग की कि चौधरी और बाघराम मराठी में बात करें और दुकान के मालिक ने कहा कि राज्य में सभी भाषाएँ बोली जाती हैं। हमले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसने महाराष्ट्र में भाषा विवाद को फिर से हवा दे दी।