कृषि क्षेत्र में आत्महत्याओं में मामूली गिरावट, NCRB रिपोर्ट में खुलासा
गृह मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट 2023 में पता चला है कि देश में कृषि क्षेत्र से जुड़े कुल 10,786 लोगों ने आत्महत्या की। इनमें 4,690 किसान/खेतपालक और 6,096 खेतिहर मजदूर शामिल हैं।
आत्महत्याओं का प्रतिशत
कृषि क्षेत्र से जुड़ी आत्महत्याओं का आंकड़ा देश में कुल आत्महत्या पीड़ितों (1,71,418) का 6.3% है। यह दर्शाता है कि कृषि क्षेत्र अभी भी सामाजिक और आर्थिक दबावों के चलते उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में शामिल है।
पिछले साल की तुलना
2022 में कृषि क्षेत्र से जुड़े 11,290 लोगों ने आत्महत्या की थी। 2023 में यह संख्या 4% से अधिक घटकर 10,786 हो गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट कृषि और सामाजिक कल्याण योजनाओं, जैसे कर्ज राहत और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, के सकारात्मक प्रभाव का संकेत हो सकती है।
कृषि क्षेत्र में चुनौतियां
कृषि क्षेत्र से जुड़ी आत्महत्याओं के पीछे कई कारण माने जाते हैं, जैसे:
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फसल की असफलता और आर्थिक नुकसान
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कर्ज के बोझ और वित्तीय असुरक्षा
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मौसमी विपरीत परिस्थितियां और प्राकृतिक आपदाएं
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सामाजिक और मानसिक दबाव
सरकारी कदम
सरकार ने आत्महत्या की घटनाओं को कम करने के लिए कई पहल की हैं:
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किसानों के लिए कर्ज माफी और आर्थिक सहायता योजनाएं
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मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और सहायता केंद्र
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कृषि बीमा और फसल सुरक्षा कार्यक्रम
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि आत्महत्याओं की गिरावट सकारात्मक संकेत है, लेकिन कृषि क्षेत्र में सुरक्षा जाल और सहारा प्रणाली को और मजबूत करने की जरूरत है। वे मानते हैं कि कृषि मजदूर और छोटे किसान अभी भी आर्थिक असुरक्षा और सामाजिक दबाव के शिकार हैं।