शारीरिक संबंध बनाने से इनकार, पति का किया अपमान...फिर पत्नी करने लगी तलाक की मांग, हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि अगर कोई पत्नी अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करती है या उस पर विवाहेतर संबंध का झूठा शक करती है, तो इसे मानसिक क्रूरता माना जाएगा। ऐसे में ये तलाक के लिए वैध आधार होंगे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने गुरुवार (17 जुलाई, 2025) को उस महिला की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने अपने पति को तलाक देने के फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले की बेंच ने यह फैसला सुनाया।
इस जोड़े की शादी 2013 में हुई थी, लेकिन दिसंबर 2014 से वे अलग रह रहे हैं। 2015 में, पति ने पुणे की फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दी थी। इसमें उसने अपनी पत्नी द्वारा यौन संबंध बनाने से इनकार करने, विवाहेतर संबंध (एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर) का झूठा शक और सार्वजनिक रूप से अपमानित करने का आरोप लगाया था।
महिला ने कोर्ट को यह भी बताया कि वह अब भी अपने पति से प्यार करती है और शादी खत्म नहीं करना चाहती। इसके साथ ही, उसने एक लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता भी माँगा था। लेकिन हाईकोर्ट ने पाया कि महिला का पति अपने दोस्तों और कर्मचारियों के सामने अपनी पत्नी को अपमानित करके और अपनी विकलांग बहन की अनदेखी करके उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था।
कोर्ट ने महिला की याचिका को क्रूरता मानते हुए खारिज कर दिया।