स्वतंत्रता दिवस पर कल्याण-डोंबिवली में मांस-मछली की दुकानें रहेंगी बंद, विपक्ष ने जताया विरोध
कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (KDMC) ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शहर की सभी मांस और मछली की दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। नगर निगम प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय राष्ट्रीय पर्व के दिन स्वच्छता और माहौल की गरिमा बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। आदेश के मुताबिक, 15 अगस्त को पूरे दिन इन दुकानों पर बिक्री और खरीद-फरोख्त पर पाबंदी रहेगी।
आदेश पर छिड़ा विवाद
नगर निगम के इस फैसले पर विपक्षी दलों और कुछ स्थानीय संगठनों ने तीखी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह कदम लोगों की खान-पान की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप है। विपक्ष का आरोप है कि नगर निगम को इस तरह के प्रतिबंध लगाने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि यह व्यक्तिगत पसंद और आजादी से जुड़ा मामला है।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस उस आजादी का प्रतीक है, जिसमें हर व्यक्ति को अपनी जीवनशैली और खान-पान चुनने का अधिकार है। ऐसे में किसी विशेष दिन पर किसी विशेष खाने पर रोक लगाना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
प्रशासन का पक्ष
KDMC के अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला लंबे समय से चली आ रही परंपरा और स्वच्छता बनाए रखने के तहत लिया गया है। प्रशासन का तर्क है कि राष्ट्रीय पर्व पर शहर का माहौल स्वच्छ और सम्मानजनक बनाए रखने के लिए ऐसे कदम उठाए जाते हैं।
नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस फैसले पर आम नागरिकों के बीच भी मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग इसे परंपरा और सम्मान के नजरिये से सही मान रहे हैं, वहीं कई लोग इसे अनावश्यक पाबंदी बता रहे हैं।
स्थानीय निवासी राकेश पाटिल ने कहा, "राष्ट्रीय पर्व के दिन शहर में स्वच्छता और शांति बनी रहनी चाहिए, इसलिए यह आदेश ठीक है।"
दूसरी ओर, मांस विक्रेता यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि इससे दुकानदारों की एक दिन की पूरी कमाई पर असर पड़ेगा, जो पहले से ही महंगाई और मंदी से जूझ रहे हैं।
राजनीतिक रंग
यह मुद्दा धीरे-धीरे राजनीतिक रंग भी पकड़ता जा रहा है। विपक्षी दल इस फैसले को जनता के अधिकारों पर अंकुश बताकर सरकार और नगर निगम को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर बहस तेज हो गई है, जहां कुछ लोग इस आदेश को सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं।
आगे क्या?
नगर निगम का आदेश 15 अगस्त के लिए लागू रहेगा और उसके बाद स्वतः समाप्त हो जाएगा। हालांकि, विवाद को देखते हुए संभावना है कि इस विषय पर आने वाले दिनों में राजनीतिक बयानबाजी और कानूनी कार्रवाई भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल, KDMC प्रशासन अपने आदेश पर कायम है और सभी मांस-मछली विक्रेताओं को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वे 15 अगस्त को दुकानें बंद रखें और आदेश का पालन करें।