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महाराष्ट्र में बदली सियासत की हवा: फडणवीस ने शरद पवार और उद्धव ठाकरे को कहा धन्यवाद

 

महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों एक नया मोड़ लेती नजर आ रही है। सरकार और विपक्ष के बीच तल्खियों के बजाय अब सौहार्द और शिष्टाचार के स्वर सुनाई देने लगे हैं। ताजा उदाहरण मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का है, जिन्होंने हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार और शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे का सार्वजनिक रूप से धन्यवाद दिया।

दरअसल, यह मामला एक कॉफी टेबल बुक से जुड़ा है, जिसमें राज्य सरकार की उपलब्धियों और विकास कार्यों का उल्लेख किया गया है। इस बुक में फडणवीस की भूमिका और नेतृत्व की तारीफ की गई है, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने भी सकारात्मक टिप्पणी दी। फडणवीस ने इसी के जवाब में दोनों नेताओं को धन्यवाद कहा और यह भी जोड़ा कि, “हम वैचारिक रूप से विरोधी हो सकते हैं, लेकिन दुश्मन नहीं हैं।”

फडणवीस का यह बयान राजनीतिक विश्लेषकों के बीच चर्चाओं का विषय बना हुआ है। जहां एक ओर विपक्षी नेताओं से इस तरह की सराहना को सियासी चौंक का विषय माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इसे आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीतिक शुरुआत भी माना जा रहा है।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राज्य में गठबंधन की संभावनाएं भी नए सिरे से परखी जा रही हैं। बीजेपी, शिंदे गुट और अजित पवार के साथ सरकार चला रही है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों से लग रहा है कि शिष्ट राजनीतिक व्यवहार को केंद्र में रखकर सभी पक्ष अपने रिश्तों को संभालने और विस्तार देने की कोशिश कर रहे हैं।

राजनीति में जहां तल्ख बयानबाजियों और आरोप-प्रत्यारोप का दौर आम होता है, वहीं महाराष्ट्र में दिख रही यह बदली तस्वीर एक परिपक्व लोकतंत्र का संकेत भी हो सकती है। फडणवीस द्वारा उद्धव ठाकरे और शरद पवार को धन्यवाद देना केवल एक शिष्टाचार नहीं, बल्कि एक संदेश है कि राजनीतिक मतभेद के बावजूद व्यक्तिगत सम्मान की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।

अब देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या यह बदलता मिजाज किसी नई राजनीतिक दिशा की ओर इशारा करता है या फिर यह सिर्फ एक सौजन्य भाव की औपचारिक अभिव्यक्ति भर है। मगर इतना तय है कि महाराष्ट्र की सियासी ज़मीन एक बार फिर गर्म होती दिखाई दे रही है – इस बार शालीनता की चादर ओढ़कर।

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